मक्सी। बुधवार का दिन शहर के लिए सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा। शहरवासी सुबह जब जागे तो मक्सी में मसूरी जैसा नज़ारा दिखाई दिया। अलसुबह से ही शहर की सड़कों पर कोहरा छाया रहा तो दोपहर तीन बजे तक ओस की बूंदे पानी के साथ टपकती रही। बावजूद इसके अफसरों ने इस और जरा भी ध्यान नहीं दिया कि इस बिगडे मौसम में बच्चों पर भी असर पड़ेगा। मौसम विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद भी अधिकारियों ने स्कूलों को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए। सुबह 6 बजे कोहरा इतना घना था कि दृश्यता 10 मीटर से भी कम रह गई थी। कोहरे की वजह से फसलों ओर खेतो में बर्फ की हल्की परत जम गई। दोपहर तीन बजे तक ओस की बूंदों ने शहर की सड़कों को भिगोए रखा।
सर्द हवाओं ने ऐसी ठिठुरन बड़ाई कि अधिकतम तापमान साढ़े चार डिग्री गिरकर 15.5 पर आ गया। इन सब के बावजूद एक बार फिर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को ठंड का एहसास नहीं हुआ। हर साल की तरह इस साल भी कड़ाके की ठंड के बाद भी जिले के जिम्मेदारों ने स्कूलों के समय मे बदलाव को लेकर कोई फैसला नहीं लिया। नतीजा जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की लेट लतीफी का खामियाजा नन्हें बच्चों ओर अभिभावकों ने उठाया। क्षेत्र में पिछले तीन से पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बाद भी ना तो शिक्षा विभाग ने स्कूलों की छुट्टी घोषित की ना कलेक्टर ने। यहां तक की ठंड के तेवर को देखते हुए अधिकारियों ने स्कूलों का समय तक नही बढ़ाया। मंगलवार शाम तक शाजापुर जिले के अधिकारियों से ठंड को देखते हुए कोई दिशा निर्देश नहीं मिलने की वजह से बुधवार सुबह घने कोहरे और कड़कड़ाती ठंड में छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाना पड़ा। हालांकि हर बार की तरह इस बार भी उज्जैन कलेक्टर ने पहले ही जिले के समस्त शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा नर्सरी से 8वीं तक की कक्षाएं लगाने का समय 9 बजे निर्धारित कर दिया, लेकिन शाजापुर जिले में प्रशासन ने नन्हें नौनीहालों के स्वास्थ को देखते बुधवार को कक्षा पहली से पांचवीं तक के स्कूल लगने का समय एक घंटा बढ़ाया।
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