नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) को हराया और पूरे देश में नकारात्मकता फैलाने वालों को करारा जवाब दिया. विपक्ष के सदस्य बीच में ही संसद (Parliament) छोड़कर चले गए. सच तो यह है कि वे अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर रहे थे. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पश्चिम बंगाल में बीजेपी के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद को संबोधित करते हुए यह कहा. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की इस बैठक से कुछ दिन पहले हरियाणा में स्थानीय स्वराज के प्रतिनिधियों से बातचीत करने का मुझे अवसर मिला था. आज आप सभी प्रतिनिधि पश्चिम बंगाल में जुटे हैं. हकीकत तो ये है कि जब मैं पार्टी के कार्यक्रम में आता हूं, कार्यकर्ताओं से मिलता हूं, तो मुझे हमेशा एक नई प्रेरणा और नया उत्साह मिलता है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरा हमेशा से मानना है कि पूर्वी भारत में देश के विकास का एक मजबूत स्तंभ, एक मजबूत इंजन का पूरा पूरा सामर्थ्य है. वहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है और वहां हमारे तेजस्वी, ऊर्जावान एवं ओजस्वी नागरिकों का भी एक बहुत बड़ा सामर्थ्य है. इसलिए पूर्वी भारत के आप सभी प्रतिनिधियों से मिलना, बात करना अपने आप में बहुत अहम हो जाता है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास को भी हराया और निगेटिविटी का भी जवाब दिया. हालात ये है कि विपक्ष के लोग बीच चर्चा में ही सदन छोड़कर भाग गए. सच्चाई ये थी कि विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गया था. वो लोग नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो. क्योंकि वोटिंग होती तो घमण्डिया गठबंधन की पोल खुल जाती, कौन किसके साथ है, ये दूध का दूध, पानी का पानी हो जाता.
विपक्ष ने मणिपुर के लोगों के साथ बड़ा विश्वासघात किया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले देश के गृहमंत्री ने इन राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वो तत्काल मणिपुर की चर्चा करना चाहते हैं और अकेले मणिपुर पर विस्तृत चर्चा हो ये जरूरी है. इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष-विपक्ष में बात होती तो मणिपुर के लोगों को भी मरहम लगता और समस्या के…लेकिन ये लोग मणिपुर पर चर्चा नहीं चाहते थे, क्योंकि उनको मालूम था कि मणिपुर का सच सबसे ज्यादा उनको चुभने वाला है. उनको मणिपुर के नागरिकों के दुःख-दर्द और पीड़ा की परवाह नहीं थी। विपक्ष के लोग सदन से भाग गए, ये पूरे देश ने देखा है. लेकिन ये दु:खद है कि इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ इतना बड़ा विश्वासघात किया. उनके लिए उनकी राजनीति, देश से बड़ा दल ही प्राथमिकता है. इसलिए उन्होंने मणिपुर की चर्चा तो टाल दी और अविश्वास प्रस्ताव लाकर राजनीतिक बहस को ही प्राथमिकता दी.
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