नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि चार्जशीट दाखिल करने पर (On Filing of Chargesheet) आरोपी को दी गई (Granted to Accused) डिफॉल्ट जमानत (Default Bail) गुण-दोष के आधार पर (On Merits) रद्द की जा सकती है (Can be Canceled) ।
न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने तेलंगाना उच्च न्यायालय को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के चाचा पूर्व मंत्री वाई.एस. विवेकानंद रेड्डी की 15 मार्च, 2019 को हुई हत्या के मामले में इरा गांगी रेड्डी के जमानत को निरस्त करने की सीबीआई की याचिका पर गुण दोष के आधार पर सुनवाई करने का निर्देश दिया।
पीठ में न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार ने कहा कि जब आरोपी के खिलाफ एक मजबूत मामला बनाया जाता है, तो केवल चार्जशीट (समय सीमा के भीतर) दाखिल नहीं करना पर्याप्त नहीं होगा। शीर्ष अदालत ने मामले को उच्च न्यायालय को वापस भेज दिया, ताकि वह कानून के अनुसार और गुण-दोष के आधार पर इस पर नए सिरे से विचार कर सके।
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला, जिसमें कहा गया है कि डिफॉल्ट जमानत को मेरिट के आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता है – जांच एजेंसियों की सुस्ती को बढ़ावा देगा। शीर्ष अदालत इस बात पर विचार कर रही थी कि क्या चार्जशीट पेश करने के बाद जमानत रद्द की जा सकती है, जबकि 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं करने पर जमानत दी गई थी। पीठ ने कहा कि केवल चार्जशीट दाखिल करने से रद्दीकरण नहीं होगा जब तक कि एक मजबूत मामला नहीं बनता है कि अभियुक्त ने एक गैर-जमानती अपराध किया है।
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