जोधपुर । फिल्म अभिनेता सलमान खान को झूठे शपथ पत्र के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने गुरुवार को बड़ी राहत दी है। जिला एवं सत्र न्यायालय जोधपुर के न्यायाधीश राघवेंद्र काछवाल ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा पेश की गई याचिका को खारिज कर दिया है। गौरतलब है कि सलमान ने हिरण के शिकार मामले में इस्तेमाल हुए हथियार का लाइसेंस खो जाने को लेकर कोर्ट में 18 वर्ष पहले झूठे शपथ पत्र के मामले में दो दिन पहले ही माफी मांगी थी।
फिल्म अभिनेता सलमान खान द्वारा हथियार के खो जाने को लेकर दिए गए झूठे शपथ पत्र के मामले में सरकार द्वारा पेश सीआरपीसी की धारा 340 में पेश अर्जी पर आज जिला एवं सत्र जिला जोधपुर न्यायालय का फैसला आ गया। कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले की अंतिम बहस के दौरान सलमान के वकील ने दलील दी थी कि बहुत ज्यादा बिजी होने की वजह से सलमान यह बात भूल गए थे कि उनका लाइसेंस रिन्यू होने के लिए दिया हुआ है। इसलिए उन्होंने कोर्ट में लाइसेंस गुम होने की बात कही। सलमान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि अगर किसी मामले में आरोपी को कोई फायदा नहीं हो और गलती से झूठा एफिडेविट पेश हो जाए तो उसे बरी कर दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि सलमान को 1998 में जोधपुर के पास कांकाणी गांव की सीमा में 2 काले हिरणों के शिकार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनसे हथियारों का लाइसेंस मांगा था। इस पर सलमान ने 2003 में कोर्ट में एफिडेविट देकर बताया था कि लाइसेंस कहीं खो गया है। इस बारे में उन्होंने मुंबई के बांद्रा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी भी लगाई थी। इसके तहत सलमान ने 8 अगस्त 2003 को लाइसेंस गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। इसके बाद कोर्ट को पता चला कि सलमान का आर्म लाइसेंस गुम नहीं हुआ, बल्कि उन्होंने इसे रिन्यू कराने के लिए दिया है। तब पब्लिक प्रोसिक्यूटर भवानी सिंह भाटी ने मांग की थी कि सलमान के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने का केस दर्ज किया जाए।
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