नई दिल्ली (New Delhi)। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) (Artificial Intelligence (AI)) धीरे-धीरे दुनिया के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। भारत (India) समेत दुनिया के कई बड़े देश (many big countries of the world) इससे परेशान हैं लेकिन इसका समाधान नहीं निकल रहा है। पिछले साल ही भारत में दक्षिण की अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Actress Rashmika Mandanna) का एक वीडियो वायरल हुआ था जो कि डीपफेक वीडियो (Deepfake video) था। डीपफेक वीडियो (Deepfake video) या फोटो एआई की मदद से तैयार किए जा रहे हैं जिन्हें पहचानना बहुत मुश्किल है कि वे असली हैं या एडिटेड।
सोशल मीडिया पर वायरल हुई फर्जी फोटो
डीपफेक का कीड़ा अब अमेरिका में भी पहुंच गया है। मशहूर पॉप सिंगर टेलर स्विफ्ट (Famous pop singer Taylor Swift) का एक डीपफेक फोटो वायरल हुई है जिसके बाद डीपफेक को लेकर अमेरिका में नई बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया वायरल हो रही स्विफ्ट की फर्जी तस्वीरें ने अमेरिकी नेताओं का ध्यान डीपफेक की ओर आकर्षित किया है। अमेरिका में इसे पूरी तरह से बैन करने और इसे तैयार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है।
टेलर स्विफ्ट की फोटो एक्स, फेसबुक और टेलीग्राम पर वायरल हो रही हैं जिसे एक अमेरिकी सांसद ने “भयावह” बताया है। उन्होंने एक एक एक्स पोस्ट पर कहा है कि फोटो को शेयर करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया कंपनियों से भी इस फोटो को हटाने को कहा गया है।
तेजी से बढ़ रहे डीपफेक के मामले
2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 के बाद से डीपफेक के मामले 550 फीसदी बढ़े हैं। फिलहाल डीपफेक को रोकने के लिए दुनिया के किसी भी देश के पास कोई कानून नहीं है। भारत में डीपफेक को लेकर कानून बनाने की बात हो रही है और जल्द ही इस पर कानून आ सकता है।
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