डेस्क: जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था. भगवान कृष्ण के जन्मदिन के इस पावन अवसर पर देश भर में विभिन्न आयोजन होंगे.
इस दिन श्रीकृष्ण की विशेष पूजा अर्चना कर भक्त उपवास रखते हैं. घर-मंदिरों में देर रात तक भजन कीर्तन होते हैं. सभी भक्त अपने-अपने तरीके से जन्माष्टमी का पर्व मनाते हैं. पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, जन्माष्टमी की तैयारियों के समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है.
पूरे दिन का व्रत रखें : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर झांकी सजाने वालों को पूरे दिन व्रत रखकर पर्व की तैयारी करनी चाहिए. इस दिन घर के दरवाजों को केले के पेड़ के तने, आम या अशोक के पत्ते आदि से सजाना चाहिए और दरवाजे पर मंगल कलश स्थापित करना चाहिए.
कांटेदार पेड़ ना लगाएं : जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की झांकी में कंटीले पेड़ों के पत्तों का प्रयोग करना अशुभ होता है. ऐसे में भूलकर भी कैक्टस आदि का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. हमेशा आम और अशोक की शाखाओं और पत्तियों का प्रयोग करना अच्छा माना जाता है.
6 दिन सजी रहे झांकी : शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण भगवान की झांकी 6 दिन तक सजी रहनी चाहिए. इस दौरान प्रत्येक दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए. साथ ही, पंचामृत, मिश्री माखन का भोग लगाना चाहिए.
दूध के पेड़ भी वर्जित : मान्यताओं के अनुसार, श्रीकृष्ण की झांकी में दूध निकलने वाले पेड़ की पत्तियों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है, जैसे बांसुरी को हमेशा गोटे से सजाना उचित होता है. श्रीकृष्ण की पूजा में मोर पंख का होना जरूरी है. झांकी में गाय का दूध पीते हुए बछड़े की फोटो जरूर रखी होनी चाहिए. वहीं, सच्ची श्रद्धा से भगवान श्री कृष्ण की पूजा करनी चाहिए.
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