वीजिंग (Weezing)। वैश्विक महामारी कोविड (Covid) के बाद चीन की इकोनॉमी (China Economy ) लगातार पटरी पर लौटने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी भी हालात बहुत सुधरे नहीं है। अपनी विस्तारवादी सोच (Expansionist thinking) के कारण चर्चाओं रहने वाले चीन की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट की खबरें आ रही हैं।
कोराना वायरस के बाद से ही यहां बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। बाजार की हालत भी खराब है, लेकिन इन सबके बीच यहां कंडोम की बिक्री में खासा उछाल देखा जा रहा है। इससे कंडोम निर्माता कंपनियों की कमाई जबरदस्त तरीके से बढ़ रही है। चीन के अर्थशास्त्री भी इस बात से हैरान हैं कि अर्थव्यवस्था गिर रही है। इसके चलते चीन में काम करने वाली कई मल्टीनेशनल कंपनियों को अपने प्रोडक्ट्स के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, और वह भारत जैसे दूसरे मार्केट का रुख कर रही हैं।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन को लेकर इस समय पूरी दुनिया काफी फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। इसकी वजह कोविड के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नरमी का दौर है और लगातार कोशिश करने के बावजूद हालात बहुत सुधरे नहीं हैं। बैंक से लेकर चिप बनाने वाली कंपनियां जहां अपनी नई स्ट्रैटजी इसी को ध्यान में रखकर बना रही हैं, वहीं कंज्यूमर प्रोडक्ट सेगमेंट काम करने वाली मल्टीनेशनल कंपनियों को खरीदार भी नहीं मिल रहे।
चीन में कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की डिमांड लगातार घट रही है. प्रॉक्टर एंड गैंबल से लेकर इंटेल, ला ओरियाल, मास्टरकार्ड और एलवीएमएच तक को चीन में अपने प्रोडक्ट्स के लिए ग्राहकों का इंतजार है।
चीन को लेकर क्या है मल्टीनेशनल कंपनियों की राय?
प्रॉक्टर एंड गैंबल: टाइड डिटर्जेंट बनाने वाली कंज्यूमर गुड्स कंपनी प्रॉक्टर एंड गैंबल (पीएंडजी) की ओवरऑल सेल में एक प्रतिशत की कमी आई है. ये मुख्य तौर पर ग्रेटर चाइना रीजन में कमजोर मांग के चलते आई है.
इंटेल: चिप मेकर कंपनी इंटेल के सीईओ पैट ग्लेसिंगर का कहना है कि चीन के मार्केट ने उस तरह वापसी नहीं की है जिस तरह यहां के लोगों ने कोविड के बाद की है. हालांकि कंपनी का काम संतोषजनक है.!
मास्टरकार्ड: पेमेंट गेटवे सर्विस देने वाली कंपनी का कहना है कि चीन में बाहर से आने वाले यात्रियों की संख्या 2019 के मुकाबले अभी आधी है. हालांकि चीन से बाहर जाने वाले यात्रियों की संख्या कोविड से पहले के 70 प्रतिशत के बराबर पहुंच गई है. ये कहीं ना कहीं कंपनी के बिजनेस पर इंपैक्ट डाल रहा है।
ला-ओरियाल: ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी ला-ओरियाल (L’Oreal) के सीईओ निकोलस हिएरोनिमस का कहना है कि चीन का मार्केट उठ तो रहा है, लेकिन ये उस तरह नहीं है जिसकी सबने उम्मीद की थी.
एलवीएमएच: फ्रांस की लग्जरी प्रोडक्ट कंपनी एलवीएमएच का कहना है कि चीन का मार्केट ठीक होना शुरू हुआ है. दूसरी तिमाही में मांग में मजबूती देखी गई है.
एलजी एनर्जी: इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में काम करने वाली कंपनी एलजी एनर्जी को चीन में कमजोर डिमांड का सामना करना पड़ रहा है।
भारत में दिख रही मजबूती
चीन के उलट भारती की इकोनॉमी में कोविड के बाद तेजी से सुधार देखने को मिला है. अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े दिखाते हैं कि देश के अंदर डिमांड में सुधार हुआ है. वहीं हाल में आईएमएफ ने भी भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ अच्छी रहने का अनुमान जताया है। आईएमएफ का अनुमान है कि 2023-24 में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.1 प्रतिशत रहेगा, जो उसके पिछले 5.9 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
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