इंदौर। प्राधिकरण बोर्ड की दो बार स्थगित हो चुकी बोर्ड बैठक आज 12 बजे से आयोजित की गई है, जिसमें वेबकोस लिमिटेड द्वारा इंदौर में केबल कार यानी रोप-वे संचालन के लिए 7 लाइनें प्रस्तावित की गई थी। उनमें से दो लाइनें यानी रुटों पर केबल कार चलाने की संभावना पर चर्चा की जाएगी, जिसमें एक ग्रीन लाइन, चंद्रशेखर आजाद चौक चंदन नगर चौराहा से गंगवाल बस स्टैंड, मालगंज होते हुए एमवाय और शिवाजी प्रतिमा तय है, तो दूसरे रुट ब्लैक लाइन में रेलवे स्टेशन से मालवा मिल, पाटनीपुरा, भमोरी होते हुए विजय नगर चौराहा को शामिल किया गया है। कन्वेंशन सेंटर की मंजूरी, स्टार्टअप पार्क की ऊंचाई को लेकर अपील करने और लता मंगेश्कर ऑडिटोरियम को ठेके देने सहित भूखंडों के टेंडरों पर भी आज की बैठक में फैसले होंगे।
दो दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों को इस बैठक में रखा गया है, जिसमें योजना क्रमांक 97, पार्ट-2 और 4 में सुप्रीम कोर्ट आदेश के तहत प्राप्त जमीनों पर विकास कार्य कराए जाना है। इन दोनों योजनाओं में प्राधिकरण को 85 हेक्टेयर जमीन हासिल हुई है, जिस पर 300 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी। इसी तरह पिछले दिनों प्राधिकरण ने केबल कार का फिजिबिलिटी सर्वे भी करवाया था और वेबकोस लिमिटेड को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसने शहर के विभिन्न रुटों पर रोपवे संचालन के लिए 7 लाइनें प्रस्तावित की थी, जिसका प्रजेंटेशन पिछले दिनों सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में भी दिया गया। अब इनमें से दो रुटों का चयन पहले चरण में केबल कार प्रोजेक्ट को अमल में लाने के लिए किया गया है, जिस पर आज बोर्ड में निर्णय होना है। प्राधिकरण द्वारा निर्मित फ्लाइवोर के बोगदों में खेलकूद के अलावा अन्य गतिविधियों के संचालन के संबंध में निगम से प्राप्त प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी।
साथ ही बड़ा गणपति चौराहा पर फ्लायओवर के निर्माण में टेंडर में संशोधन करने और योजना 172 में घोषित किए गए कन्वेंशन सेंटर के संबंध में नगर तथा ग्राम निवेश में अभिन्यास मंजूरी से संबंधित प्रस्ताव के अलावा योजना 151 और 169-बी में प्रस्तावित स्टार्टअप पार्क की ऊंचाई को लेकर नगर तथा ग्राम निवेश में धारा 27 (3) के तहत अपील प्रस्तुत की जाना है। एक विवादित प्रस्ताव योजना 77 ग्राम खजराना और खजरानी में शामिल जमीनों को डीनोटिफाइड करने का भी शामिल किया गया है। हालांकि इसके लिए शासन की अनुमति चूंकि जरूरी है। इसलिए संभवत: आज बोर्ड बैठक में इस पर निर्णय टाला जाएगा। वहीं योजना 97 पार्ट-4 में प्राधिकरण ने लता मंगेश्कर ऑडिटोरियम निर्मित किया है, जिसे अभी प्राधिकरण द्वारा ही किराए पर दिया जाता है, अब उसके विधिवत संचालन के लिए उपयुक्त ठेकेदार फर्म की तलाश है। लिहाजा उसके लिए न्यूनतम दर निर्धारण का फैसला बोर्ड करेगा। वहीं सुपर कॉरिडोर से लेकर अन्य योजनाओं में प्राप्त भूखंडों और अन्य सम्पत्तियों के टेंडरों पर भी निर्णय होंगे।
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