नई दिल्ली (New Delhi)। देश में हेल्थ केयर सुविधाओं (health care facilities) को और बेहतर करने के लिए भारत सरकार (Government of India) ने वर्ल्ड बैंक (World Bank) से 1 अरब डॉलर यानी करीब 8,200 करोड रुपये (1 billion dollars i.e. about 8,200 crore rupees) का कर्ज लेने का फैसला किया है। भारत सरकार और वर्ल्ड बैंक के बीच हेल्थ केयर सेक्टर के लोन के लिए शुक्रवार को ही हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत को ये कर्ज दो किश्तों में दिया जाएगा।
विश्व बैंक से मिलने वाले इस कर्ज का इस्तेमाल प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएमएबीएचआईएम) के लिए किया जाएगा, जिससे देश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को और अधिक बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा सके। इस लोन से पहले चरण में देश के 7 राज्यों उत्तर प्रदेश, ओडीशा, केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाने पर फोकस किया जाएगा।
केंद्र सरकार की इंटरनल रिपोर्ट के मुताबिक देश के अन्य राज्यों की तुलना में इन राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाएं तुलनात्मक रूप से कमजोर हैं। इसलिए पहले चरण में इन्हीं राज्यों पर केंद्र सरकार ध्यान केंद्रित करना चाहती है। दरअसल, वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत में हेल्थ केयर फैसिलिटीज को और बेहतर बनाने की गुंजाइश बनी हुई है।
इस रिपोर्ट में ये बात भी स्पष्ट की गई है कि पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में स्वास्थ्य सेवा में काफी सुधार हुआ है, जिसकी वजह से लाइफ एक्सपेक्टेंसी (जीवन प्रत्याशा) का स्तर भी 1990 के 58 साल से बढ़कर 2020 में 69.8 साल हो गया है। इसके बावजूद आर्थिक विषमताओं की वजह से देश का एक बड़ा तबका अभी भी महंगे इलाज का खर्च उठा पाने में सक्षम नहीं है। (एजेंसी, हि.स.)
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