मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा है कि उन्हें अभी भी डिसिजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) पर ज्यादा भरोसा नहीं है। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट में कई फैसले पलट दिए गए और एक बार फिर डीआरएस के उपयोग को लेकर बहस शुरू हो गई है।
इन दोनों टीमों के बीच चल रही श्रृंखला में, प्रत्येक टीम को तीन रिव्यू दी जाती हैं, जो सामान्य दो रिव्यू की तुलना में एक अतिरिक्त है। चैपल ने एक खेल चैनल के लिए लिखे अपने कॉलम में कहा, “एक समय था जब बीसीसीआई को इस पर भरोसा नहीं था। मैं अभी भी बीसीसीआई से इस पर पीछे नहीं हूं क्योंकि मुझे अभी भी डीआरएस पर ज्यादा भरोसा नहीं है।”
उन्होंने कहा, “यह आईसीसी के दो मुख्य लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाया है- सही फैसला लेना और बड़ी गलतियां दूर करना। इसलिए जब तक तय संख्या में रिव्यू होंगे, इससे लक्ष्य हासिल करने की गारंटी नहीं दी जा सकती।”
उन्होंने कहा, मौजूदा प्रारूप में 50-50 फैसलों पर ही रिव्यू लिया जाता है, कई बार इसे रणनीतिज्ञ तौर पर भी उपयोग में लिया जाता है, कई बार उसे अपने हित के लिए उपयोग में लिया जाता है। अंपायरों के फैसले खेल की रणनीति का हिस्सा नहीं होने चाहिए।”
चैपल ने लिखा, अगर मैं खिलाड़ी होता और फैसले में कोई इंसान शामिल होता तो मैं इसे मैदान के बीच में ही सुलझाने को लेकर प्राथमिकता देता।
उन्होंने कहा, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में जब रिचर्ड केटलबोरो के तीन फैसले रिव्यू के कारण बदल दिए गए तब उनके चेहरे को देखते हुए उनकी भावनाओं का अंदाजा अलग से लगाया जा सकता था। मेरी संवेदनाएं उनके साथ हैं, वह अंतरराष्ट्रीय पैनल में अच्छे अंपायरों में से एक हैं।
उन्होंने कहा, इस महामारी के समय में तीसरा रिव्यू, बताता है कि सिस्मट से छेड़छाड़ की गई है। (एजेन्सी, हि.स.)
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