वॉशिंगटन। अमेरिका में हो रही राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की निगाहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी अब अंतिम चरण में जा पहुंची है। 3 नवंबर (भारतीय समयानुसार 4 नवंबर सुबह 6 बजे) को राष्ट्रपति चुनाव है। सबसे खास बात यह है कि यहां अर्ली वोटिंग, यानी तय तारीख से पहले मेल वोटिंग की व्यवस्था है। इसके जरिए करीब 50 फीसदी मतदान हो चुके हैं।
मतदान की समय सीमा खत्म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो 4 नवंबर की शाम तक यह साफ हो जाएगा कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने रहेंगे या उनकी जगह डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन वॉइट बनेंगे। इस बार अमेरिकी चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है। खासकर कोरोना के दौर में चुनाव का होगा। अमेरिका में 24 करोड़ मतदाता हैं। जानकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी साइलेंट वोटर ही किंगमेंटर होंगे।
पहली बार अमेरिका में ऐसा होगा जो न सिर्फ ऐतिहासिक है, बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। दरअसल, अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की इस चुनाव में अहमियत बढ़ी है। पहली बार किसी भारतवंशी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।
पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानी 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी। हालांकि, नतीजों के अनुमान वोटिंग खत्म होते ही मिल जाएगा। इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है। पेन्सिलवेनिया, मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं।
हालांकि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन (Biden) चुनाव से पहले हुए एक ताजा सर्वेक्षण ( US presidential election poll) में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Trump) से 10 प्रतिशत अंकों के साथ आगे चल रहे हैं। अब देखना यह है कि कोन इन चुनाव में बाजी मारता है। एजेंसी
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved