भोपाल। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज शुक्रवार चुनाव आयोग ने बिहार चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है, लेकिन मप्र उपचुनावों को लेकर अब भी संशय बरकरार है। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए तारीखों की घोषणा 29 सितंबर से पहले नहीं होगी। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान करते वक्त कहा कि उपचुनावों को लेकर 29 सितंबर को मीटिंग की जाएगी। अब उपचुनावों के लिए 29 सितंबर को एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें मप्र विधानसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होने की पूरी संभावना है। चूंकि हाल ही में चुनाव आयोग ने संकेत दे दिए थे कि बिहार विधानसभा चुनाव के साथ ही मप्र में उपचुनाव कराए जाएंगे, ऐसे में मप्र के सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
भाजपा-कांग्रेस के लिए साख बचाना चुनौती
इतिहास में यह पहला मौका है जब एमपी की 28 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे है।यह चुनाव मप्र का भविष्य़ तय करेंगे। 25 सीटे सिंधिया समर्थकों और पूर्व विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई है। वही तीन सीटे विधायकों के निधन के बाद खाली हुई है। इस बार का चुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्व माना जा रहा है, जहां भाजपा के लिए सरकार बचाना चुनौती है वही कांग्रेस के लिए कमबैक करना। वर्तमान में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है, भाजपा को पूर्ण बहुमत के लिए जहां 9 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज करनी है, वहीं कांग्रेस को सभी 28 स्थानों पर जीत हासिल करनी होगी, तभी उसे पूर्ण बहुमत हासिल हो पाएगा।
एमपी में चुनाव आय़ोग की तैयारियां जोरों पर
मप्र प्रदेश में चुनाव आयोग की तैयारियां भी जोरों पर चल रही है।यहां भारत निर्वाचन आयोग ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया है। आयोग द्वारा 3 तरह के वोटर्स को यह सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें 80 वर्ष से अधिक के वोटर्स, पीडब्ल्यूडी वोटर्स (पर्सन्स विथ डिसएबिलिटीज) एवं कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति तथा कोविड-19 के संदिग्ध व्यक्ति शामिल हैं।पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया के तहत अंतिम नामांकन से 5 दिन तक प्रत्येक आर.ओ. के पास फार्म 12-डी में आवेदन देने की सुविधा प्रदान की गई है, जिसमें मतदाता-सूची की भाग संख्या एवं क्रमांक, ईपिक नम्बर, मोबाइल नम्बर, निवास का पता/चाहे गये स्थान का पता देना अनिवार्य होगा। आवेदन को विधिवत भरकर आर.ओ. के पास जमा करना होगा। ऐसे व्यक्ति, जो कोविड-19 से संबंधित हैं, वह स्वास्थ्य विभाग का प्रमाण-पत्र संलग्न करेंगे। पोस्टल बैलेट से वोट देने की सुविधा स्वैच्छिक है। रिटर्निंग ऑफिसर प्रपत्र-1 में ऐसे समस्त आवेदनों को सूचिबद्ध कर तैयार करेंगे तथा प्रपत्र-2 में पात्रता का निर्धारण कर पोस्टल बैलेट जारी किये जाने वाले मतदाताओं की सूची तैयार करेंगे। ऐसे मतदाताओं से पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट प्राप्त करने हेतु एक टीम का गठन किया जायेगा, जिसमें मतदान अधिकारी की योग्यता के कर्मचारी सम्मिलित होंगे, जिनमें पुलिसकर्मी एवं वीडियोग्राफर अनिवार्य रूप से होंगे। यदि मतदाता किसी कारणवश प्रथम बार दर्शाए गये निवास पर अनुपस्थित पाया जाता है, तो टीम दोबारा उसके घर जायेगी एवं उससे पोस्टल बैलेट पर उसी सुचिता एवं गोपनीयता से बंद लिफाफे में मतपत्र प्राप्त करेगी तथा उसे बड़े लिफाफे में डालकर सीलबंद करेगी।
कोविड-19 की गाइडलाइन को ध्यान में रखा जाएगा
कोविड-19 के लिये जारी गाइडलाइन के अनुसार उप निर्वाचन की विभिन्न तैयारियों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाये। उन्होंने निर्वाचक नामावली, मतदाता की सुरक्षा, मतदाताओं के लिए मतदान केन्द्र पर मूलभूत सुविधाओं, निर्वाचक नामावली में छूटे हुए विशेषतौर पर 18-19 आयु वर्ग के मतदाताओं को निर्वाचक नामावली में शामिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रचार-प्रसार के लिए पूर्व से की जा रही तैयारियों, निर्वाचन से जुड़े विभिन्न अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण, ईव्हीएम-व्हीव्हीपीएटी का विशेष रूप से हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण, आदर्श आचरण संहिता को कड़ाई से लागू कराने संबंधित तैयारियाँ करने के लिये भी कहा गया। मतगणना स्थल, निर्वाचन व्यय निगरानी तंत्र को प्रभावशील बनाने, शारीरिक निःशक्तता वाले पंजीकृत निर्वाचक, कोविड-19 से प्रभावित तथा कोविड संदिग्ध निर्वाचक, 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता को पोस्टल बैलेट की सुविधा उपलब्ध करवाने और कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा आदि विषय पर संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों से चर्चा की और निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अद्यतन निर्देशों से भी सभी को अवगत कराया।
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