– जी-20 संवाद वैश्विक चुनौतियों के पूर्ण समाधानों की तलाश पर रही केंद्रित
नई दिल्ली/बेंगलुरु (New Delhi/Bangalore)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक (G-20 Finance Ministers and Central Bank Governors (FMCBG) meeting) में कई विकासशील देशों की कर्ज को लेकर होती नाजुक स्थिति का मुद्दा उठाया। उन्होंने इससे निपटने के लिए ‘बहुपक्षीय समन्वय’ के बारे में जी-20 के सदस्य देशों से विचार आमंत्रित किए।
सीतारमण ने शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित पहली दो दिवसीय एफएमसीबीजी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सभी सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया। वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 2023 में भारत की अध्यक्षता में जी-20 में जो संवाद होगा। वह सबसे कठिन वैश्विक चुनौतियों के लिए पूर्ण समाधानों की तलाश पर केंद्रित होगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसे बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत किए जाने पर भी जी-20 के सदस्यों से विचार मांगे।
वित्त मंत्री सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में आयोजित ये दो दिवसीय बैठक 25 फरवरी तक चलेगी, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। निर्मला सीतारमण ने एफएमसीबीजी की बैठक को संबोधित करते हुए तुर्किये के विनाषकारी भूकंप में मृत लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। वित्त मंत्री ने कहा कि जी-20 अपने सदस्यों की पूरक ताकतों का फायदा उठाकर दुनियाभर के लोगों की जिंदगियों को बदल सकता है, जिसमें देश विशेष की जरूरतों और परिस्थितियों का भी खयाल रखा जाएगा। यह नए विचारों का पोषण कर सकता है।
भारत की अध्यक्षता के तहत जी-20 की पहली एफएमसीबीजी बैठक में अमेरिका की वित्त मंत्री जैनेट येलेन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जेवा, आईएमएफ की डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गीता गोपीनाथ और स्पेन की वित्त मंत्री नादिया कैलविनो भी शामिल हुईं। (एजेंसी, हि.स.)
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