डेस्क: इजराइल-हमास की जंग के बीच मुस्लिम देश सूडान से एक भयावह रिपोर्ट सामने आई है. युद्ध बढ़ने के साथ-साथ सूडान में बलात्कार और यौन हिंसा के मामले बेतहाशा बढ़े हैं. चिंताजनक आंकड़े बेहद गंभीर हालात की ओर इशारा कर रहे हैं. अप्रैल के बाद से बलात्कार सहित संघर्ष-संबंधी यौन हिंसा की 21 घटनाओं की विश्वसनीय रिपोर्ट मिली है. इन घटनाओं ने कम से कम 57 महिलाओं और लड़कियों को प्रभावित किया है, जिनमें 10 नाबालिग भी शामिल हैं.
इन जघन्य अपराधों के मुख्य अपराधियों की पहचान रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के लड़ाकों के रूप में की गई है, जो सूडान में सक्रिय एक अर्धसैनिक बल है. महिलाएं और लड़कियां जब युद्ध की अराजकता के बीच सुरक्षित स्थानों की तलाश में होती हैं तो उन्हें यौन हिंसा का खतरा बढ़ जाता है. स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच की कमी समस्या को और बढ़ा देती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र महिला जैसे संगठन लोगों को मदद और सेवाएं देने की हर संभव कोशिश कर रही हैं.
महिलाओं और लड़कियों के सामने बड़ी चुनौतियां
सूडान में बलात्कार और यौन हिंसा के स्तर पर चल रहे युद्ध के प्रभाव को कम करके नहीं आंका जा सकता. इस संघर्ष ने डर, अस्थिरता और अराजकता का माहौल पैदा कर दिया है, जिससे इस तरह के घिनौने अपराध में बढ़ोतरी देखी गई है. विस्थापन, सशस्त्र समूह और सामाजिक संरचनाओं के टूटने से महिलाओं और लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को और बढ़ा दिया है.
सूडान में अब तक मारे गए 9000 लोग
लड़ाई शुरू में खार्तूम में ही हो रही थी लेकिन जल्द ही देश के अन्य क्षेत्रों में फैल गई, जिसमें पहले से ही संघर्षों से जूझ रहे पश्चिमी दारफुर क्षेत्र भी शामिल थे. यूनाइटेड नेशन में मानवीय सहायता संगठनके प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि लड़ाई में कथित तौर पर 9,000 लोग मारे गए और लाखों लोगों बेघर होने पर मजबूर होना पड़ा. लोग या तो सूडान के अंदर या पड़ोसी देशों में शरण ले चुके हैं.
लाखों लोगों को घर छोड़ना पड़ा, देश में ही बने शरणार्थी
संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी आईओएम के मुताबिक, सूडान के अंदर 4.5 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए, जबकि 1.2 मिलियन से अधिक लोगों ने पड़ोसी देशों में शरण ली है. ग्रिफिथ्स ने कहा कि लड़ाई के कारण 25 मिलियन लोग – जो देश की आधी से अधिक आबादी है – को मानवीय मदद की सख्त जरबरत है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved