नई दिल्ली (New Delhi)। ज्ञानवापी मामले में 2022(2022 in Gyanvapi case) में सर्वे का आदेश(Order of survey) देने वाले जज रवि कुमार दिवाकर(Judge Ravi Kumar Diwakar) को धमकी(Threat) मिलने के बाद एनआईए कोर्ट के स्पेशल(NIA Court Special) जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने रजिस्ट्रार जनरल इलाहाबाद हाई कोर्ट को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। जस्टिस त्रिपाठी का कहना है कि जस्टिस दिवाकर को मिली सुरक्षा अपर्याप्त है और इसे बढ़ाने की जरूरत है। बता दें कि लगभग तीन सप्ताह पहले अदनान खान नाम के शख्स के खिलाफ उनको धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है।
स्पेशल जज त्रिपाठी ने पत्र में कहा, जांच में पता चला है कि इस्लामिक कट्टरपंथी जज दिवाकर की हत्या की साजिश रच रहे हैं। यह बेहद संवेदनशील मामला है। अगर अदनान की गतिविधियों पर रोक ना लगाई गई तो कोई बड़ी घटना हो सकती है। बता दें कि जज दिवाकर वर्तमान में बरेली में अजिशनल सेशन जज हैं। उन्होंने भी यूपी के चीफ सेक्रेटरी को सुरक्षा बढ़ाने को लेकर पत्र लिखा था।
उन्होंने अपने पत्र में कहा, 13 मई 2022 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरक्षा देने का आदेश दिया था। लेकिन वर्तमान में जो सुरक्षा मिली है वह अपर्याप्त है। स्पष्ट है कि इस्लामिक कट्टरपंथी अल्पसंख्यक समुदाय का ब्रेन वॉश करने में लगे हैं। वे मुझे काफिर बताते हैं और चाहते हैं कि कोई मेरी हत्या कर दे। इसलिए मुझे और मेरे परिवार को पर्याप्त सुरक्षा की जरूरत है।
बता दें कि 25 अप्रैल को जज दिवाकर ने बरेली पुलिस को जानकारी दी थी कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय कॉल आ रही हैं। वर्तमान में उनको दो सुरक्षाकर्मी मिले हुए हैं। उनके पास आतंकवादी हमले से निपटने के लिए पर्याप्त हथियार भी नहीं हैं। 3 जून को यूपी एटीएस ने अदनान खान के खिलाफ आईपीसी की कई धाराओं में केस लिखा जिसमें यूएपीए शामिल है। आरोप है कि खान जस्टिस दिवाकर को धमकी देने के लिए इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल करता है। एटीएस अधिकारी ने बताया, अदनान खान ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से जस्टिस रवि को धमकी दी है।
इससे पहले जून 2022 में भी उन्हें इस्लामिक आगाज मूवमेंट के अध्यक्ष की ओर से धमकीभरा पत्र मिला था। इसमें उनके परिवार और प्रधानमंत्री मोदी को भी टारगेट किया गया था।
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