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    दो साल में 283 शेरों की मौत, अप्राकृतिक तरीकों से हो रही मौतों ने उड़ाई सरकार की नींद

  • March 15, 2022


    डेस्क: गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने सोमवार को राज्य विधानसभा में जानकारी दी कि गिर अभयारण्य ( Gir Sanctuary) और उसके आसपास के जंगलों में पिछले दो सालों के दौरान प्राकृतिक और अप्राकृतिक कारणों से करीब 283 शेर, शेरनी और शावकों की मौत हुई है.

    गुजरात विधानसभा (Gujarat Vidhan Sabha) में प्रश्नकाल में लाठी से विधायक वीरजी ठुम्मर के सवाल पर वन मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने लिखित जवाब पेश करते हुए कहा कि गिर में दिसंबर, 2021 तक कुल 283 शेर मर गए हैं. गिर वनक्षेत्र दुनिया में एशियाई शेरों का एकमात्र निवास स्थान है. सदन में पेश लिखित जवाब में कहा गया है कि साल 2020 में 159 शेर, शेरनी और शावकों की मौत हुई, जिसमें 36 शेर, 42 शेरनी और 81 शावक थे. जबकि 2021 में 124 शेर, शेरनी और शावकों की मौत हुई, जिसमें 32 शेर, 31 शेरनी औ 81 शावक थे.

    2020 में 143 शेर, शेरनी और शावकों की प्राकृतिक तरीके से मौत हुई थी. जिसमें 36 शेर, 31 शेरनी और 75 शावक थे. जबकि 2021 में 111 शेर, शेरनी और शावकों में से 27 शेर, 25 शेरनी और 59 शावकों की प्राकृतिक तरीके से मौत हो गई. अप्राकृतिक मौत के किस्सों में 2020 में 16 शेर, शेरनी और शावकों की मौत हुई, जिसमें कोई भी शेर की मौत नहीं हुई. 10 शेरनी और 6 शावकों की मौत हुई. वहीं 2021 में 13 शेर, शेरनी और शावक की अप्राकृतिक मौत हुई. जिसमें 5 शेर, 6 शेरनी और 2 शावक शामिल हैं.


    गिर अभ्यारण्य में 345 शेर
    वन मंत्री ने लिखित जवाब में कहा है कि 31 दिसम्बर 2021 की स्थिति देखी जाए तो गिर अभ्यारण्य में 345 शेर हैं. यदि 1 जनवरी 2020 से 31 दिसम्बर-2020 तक की बात की जाए तो 12 शेरों की मौत हुई, जिसमें सभी 12 शेरों की प्राकृतिक मौत हुई. जबकि 1 जनवरी 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक की स्थिति देखी जाए तो तीन शेरों की प्राकृतिक तौर पर मौत हुई है. वहीं 18 शेरनी की मौत हुई है. जिसमें 17 शेरनी की प्राकृतिक और एक की अप्राकृतिक तरीके से मौत हुई है.

    वहीं 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक में 6 शेरनी की मौत हुई, जिसमें सभी छह शेरनी की प्राकृतिक तरीके से मौत हुई है. वहीं 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक 24 शावकों की मौत हो गई है. जिसमें 22 प्राकृतिक और दो अप्राकृतिक तरीके से मौत हो गई. जबकि 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक 12 शावकों की प्राकृतिक तरीके से मौत हुई. 1 जनवरी से 31 दिसम्बर 2020 तक 6 तेंदुआ की मौत हुई, जिसमें पांच तेंदुओं की प्राकृतिक और एक तेंदुए की अप्राकृतिक तरीके से मौत हुई. जबकि जनवरी से 31 दिसम्बर 2021 तक 18 तेंदुओं की मौत हुई, जिसमें 14 प्राकृतिक और 4 तेंदुओं की अप्राकृतिक मौत हुई.

    2015 के मुकाबले शेरों की संख्या में हुआ है इजाफा
    पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड के सहयोग से संयुक्त गश्त भी की जा रही है. 2020 की शेर गणना के अनुसार, 2015 में हुई पिछली गणना की तुलना में शेरों की संख्या में 29 प्रतिशत बढ़ी है. गुजरात में 674 एशियाई शेर हैं. राज्य में कुल 206 शेर, 309 शेरनी, 130 शावक और 29 अन्य अज्ञात बड़ी बिल्लियां हैं. वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि गिर राष्ट्रीय उद्यान में 376 खुले कुएं हैं, जो जानवरों के लिए मौत के जाल में बदल चुके हैं.

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