पटनाः बिहार में एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं. खासकर राजधानी पटना में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले दो दिनों की अगर बात करें तो पटना में 22 कोरोना संक्रमित मरीज चिन्हित किए गए हैं. लेकिन ये सिर्फ़ सरकारी आंकड़े हैं. क्योंकि इससे भी ज़्यादा पटना में लोग कोरोना संक्रमित हैं. लेकिन वो जांच नहीं करा रहे हैं, यही वजह है कि उनके आंकड़े सामने नहीं आ पा रहे हैं. इस बार शहरों के मुक़ाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज़ अधिक चिन्हित किए जा रहे हैं.
कारण ये है कि शहर में लोग कोरोना की जांच नहीं कराना चाह रहे हैं. यही वजह है कि वो संक्रमित तो हैं लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पा रही है. इस बार कोरोना के 95% मरीज़ ग्रामीण क्षेत्रों के हैं और बाक़ी पटना सिटी क्षेत्र के संक्रमित मरीज़ चिन्हित किए गए हैं. बुधवार को पटना में कोरोना संक्रमित 13 मरीज चिन्हित किए गए हैं, जिसमें सबसे अधिक पांच मरीज पालीगंज के हैं.
डॉक्टर की मानें तो इस बार खांसी, पसलियों में दर्द की शिकायत वाले मरीज ज़्यादा आशंकित लग रहे हैं. अधिकतर लोग खाँसी और पसलियों में दर्द से परेशान हैं. कुछ जांच करवा रहे हैं तो कुछ जांच नहीं करवा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि सभी खांसी और पसलियों में दर्द की शिकायत वाले कोरोना संक्रमित हैं. डॉक्टर की मानें तो अभी मौसम बदलने के कारण भी लोगों में ख़ासी और दर्द की शिकायत है लेकिन उसमें से ही कई ऐसे लोग हैं जो कोरोना से संक्रमित हो गए हैं. बिहार में कोरोना के कारण मौत का सिलसिला भी अब शुरू हो गया है.
रोहतास ज़िले के करगहर प्रखंड के तोड़नी गांव में एक चार साल के बच्चे की कोरोना के कारण मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. क्योंकि लोगों की लापरवाही के कारण कोरोना अब बिहार में जानलेवा होने लगा है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved