मुम्बई (Mumbai)। बच्चन परिवार (Bachchan family) से नाम जुड़ने पर कोई भी शख्स अपनेआप को खुशकिस्मत समझेगा, लेकिन सिनेमा की दुनिया में एक हसीना ऐसी भी रहीं, जो ऐसा होने पर नाराज हो जाती थीं. उन्होंने अपनी अदाकारी का परचम हर फिल्म में कायम किया था. बात हो रही है रीता भादुड़ी (Rita Bhaduri ) की, जिनकी आज डेथ एनिवर्सरी (Death Anniversary) है।
इस वजह से नाराज हो जाती थीं रीता
4 नवंबर 1955 के दिन मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी रीता भादुड़ी अपने करियर में किसी पहचान की मोहताज नहीं रहीं. उन्होंने नेगेटिव और पॉजिटिव (negative and positive) दोनों तरह के किरदार निभाए और अपना दमखम साबित किया. दरअसल, वह एक ही सवाल को लेकर काफी नाराज हो जाती थीं. रीता का सरनेम भादुड़ी था, जिसके चलते उन्हें जया भादुड़ी की बहन समझा जाता था और उनका नाम बच्चन परिवार के साथ जोड़ दिया जाता था. रीता कई बार यह बात बता चुकी थीं कि जया भादुड़ी से उनका कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी लोग यकीन नहीं करते थे. इससे रीता भादुड़ी काफी नाराज रहती थीं।
ऐसा रहा रीता का करियर
फिल्म इंडस्ट्री में रीता भादुड़ी करीब पांच दशक तक एक्टिव रहीं. उन्होंने सावन को आने दो, राजा, मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं, मुलाकात, दिल विल प्यार व्यार, कितने दूर कितने पास, क्या कहना, होते होते प्यार हो गया, तमन्ना, हीरो नंबर वन, आतंक ही आतंक, जाने जिगर, राजा, आशिक आवारा, घर हो तो ऐसा, आईना, जूली और तेरी तलाश समेत तमाम फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा दिखाया।
आखिरी सांस तक किया काम
बता दें कि रीता भादुड़ी ने टीवी की दुनिया में भी नाम कमाया. वह बनते बिगड़ते, मंजिल, जमीन आसमां, हम सब बाराती, थोड़ा है थोड़े की जरूरत है, कुमकुम, रिश्ते, आज की हाउसवाइफ है…सब जानती हैं आदि सीरियल में नजर आईं. जिंदगी के आखिरी दौर में वह टीवी शो ‘निमकी मुखिया’ में इमरती देवी का किरदार निभा रही थीं. कहा जाता है कि उस दौरान उन्हें किडनी की दिक्कत थी, जिसके चलते हर दूसरे दिन उन्हें डायलिसिस के लिए जाना पड़ता था. इसके बावजूद उन्होंने बीमारी को काम के आड़े नहीं आने दिया. खराब तबीयत के बाद भी वह शूटिंग के लिए जाती थीं. रीता भादुड़ी ने 17 जुलाई 2018 के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
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