भोपाल (Bhopal) । देश में चीतों का निवास स्थान बने कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में 2 चीतों की मौत (death of cheetahs) हो चुकी है। पहले मादा चीता साशा की मौत और अब नर चीते उदय की मौत के बाद ये सवाल लाजिमी हो गया है कि क्या कूनो का हैबिटैट चीतों के लिए उपयुक्त है या नहीं। देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त एनवायरनमेंट मानकर कूनो में उन्हें शिफ्ट किया गया था। नामीबिया और साउथ अफ्रीका से लाये गए चीतों में से साशा को नामीबिया से, जबकि उदय को साउथ अफ्रीका से लाया गया था। उदय की मौत के बाद वन्यजीव संरक्षण के चीफ जेएस चौहान ने बड़ा दावा किया है।
अधिकारी ने कूनो में हुई मौत के बाद चीतों के लिए कूनो के हैबिटैट को बेस्ट मानते हुए कहा कि कोई संदेह नहीं है कि चीते कूनो में सुरक्षित हैं और उनके लिए सबसे उपयुक्त एनवायरनमेंट भी यही हैं। उन्होंने कहा कि जिस चीते की पहले मौत हुई थी उसमें पहले से इन्फेक्शन था। वो पहले से बीमार थे। यहां लाने से पहले ही किडनी में इन्फेक्शन की समस्या थी। लेकिन साउथ अफ्रीका से लाये गए चीते उदय की मौत के कारण के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। यह गंभीर सवाल है कि कूनो में हैबिटैट और सुरक्षा होने के बावजूद चीते की मौत कैसे हुई।
बता दें, 17 सितंबर को नामीबिया से चीते भारत लाये गए थे। लंबे समय तक देखभाल के बाद 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से भी चीतों को कूनो लाया गया। जिसके बाद हाल ही में नामीबिया से लाये गए मादा चीते साशा की मौत हो गई। परीक्षण के दौरान उसकी किडनी में इन्फेक्शन की पुष्टि हुई थी। कल यानी 23 अप्रैल की शाम साउथ अफ्रीका से लाये गए चीते उदय की मौत हो गई। जिसके बाद कूनो के हैबिटैट और चीतों के लिए अनुकूल होने पर भी सवाल उठ रहा है। नर चीते उदय की मौत का अबतक कोई कारण नहीं पता चल पाया है।
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