नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) द्वारा अमेरिका से लीज (Lease from America) पर लिया गया MQ-9B SeaGuardian ड्रोन बुधवार को बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में एक तकनीकी खराबी (Technical fault) के कारण क्रैश (Crash) हो गया। ये घातक ड्रोन (Deadly drone) चीन तक के इलाकों तक निगरानी करता था। नौसेना ने एक बयान में कहा कि यह घटना एक नियमित निगरानी मिशन (Regular surveillance missions) के दौरान हुई, जिसमें ड्रोन को पानी में आपातकालीन लैंडिंग (डिचिंग) करनी पड़ी। ड्रोन को अब समुद्र से वापस नहीं लाया जा सकेगा। इसे अनुपयोगी घोषित कर दिया गया है।
MQ-9B SeaGuardian, अमेरिका की जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित प्रीडेटर बी का एक संस्करण है, और भारतीय नौसेना ने चार साल पहले इसे लीज पर लिया था ताकि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में खुफिया, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। नौसेना इसे तमिलनाडु के INS राजाली, अर्कोणम से संचालित कर रही थी।
नौसेना ने कहा, “INS राजाली, अर्कोणम से संचालित उच्च-ऊंचाई पर लंबे समय तक रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (HALE RPA) ने लगभग 1400 बजे (दोपहर 2 बजे) एक नियमित निगरानी मिशन के दौरान तकनीकी खराबी का सामना किया, जिसे उड़ान के दौरान ठीक नहीं किया जा सका।” ड्रोन को एक सुरक्षित क्षेत्र की ओर नेविगेट किया गया और फिर चेन्नई के तट से समुद्र में नियंत्रित डिचिंग की गई। नौसेना ने कहा कि इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और जनरल एटॉमिक्स से इस पर जानकारी ली जाएगी।
लीज के तहत, इन ड्रोन को मूल उपकरण निर्माता (OEM) द्वारा संचालित किया जा रहा था ताकि नौसेना को व्यापक क्षेत्र की निगरानी की सुनिश्चितता मिल सके। अब OEM को इस नुकसान की भरपाई करते हुए नए ड्रोन से इसे रिप्लेस करना होगा। MQ-9B ड्रोन ने भारतीय नौसेना को भारतीय महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने में मदद की है। इन दो ड्रोन ने मिलकर 18,000 घंटे से अधिक की उड़ानें पूरी की हैं।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब भारत अमेरिका से 31 MQ-9B ड्रोन खरीदने पर बातचीत कर रहा है। यह सौदा लगभग 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है। इन ड्रोनों का इस्तेमाल आईएसआर के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, डिफेंसिव काउंटर एयर और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी किया जाएगा।
MQ-9B, भारतीय सेना द्वारा लीज पर लिया गया पहला सैन्य उपकरण है, और यह भारत सरकार की 2020 की रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत किया गया, जो सैन्य उपकरणों की लीजिंग की अनुमति देती है ताकि खरीद की लागत को कम किया जा सके। MQ-9B ड्रोनों की अधिकतम ऊंचाई 40,000 फीट है, 40 घंटे तक निरंतर उड़ान भर सकते हैं, और इनकी रेंज 5,000 नॉटिकल माइल्स से अधिक है। भारतीय नौसेना जिस क्षेत्र की निगरानी करती है वह काफी विशाल है, जिसमें फारस की खाड़ी से मलक्का जलडमरूमध्य तक और उत्तरी बंगाल की खाड़ी से अफ्रीका के दक्षिणपूर्वी तट तक के इलाके शामिल हैं।
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