कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध में सोमवार को रूसी सेना ने यूक्रेनी खारकीव शहर पर जबरदस्त गोलाबारी की जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए हैं। उधर, दोनेस्क क्षेत्र की एक इमारत पर रूसी रॉकेट के हमले में मरने वालों की संख्या 15 से बढ़कर सोमवार को 24 हो गई। स्थानीय प्रशासक ने हमलों को ‘पूरी तरह से आतंकवाद’ करार दिया।
खारकीव के क्षेत्रीय गवर्नर ओलेह सिनेहबोव ने कहा, खारकीव पर जिस निर्दयता से हमले हो रहे हैं वह पूरी तरह रूसी आतंकवाद है। जबकि अमेरिकी अफसर ने दावा किया है कि रूस खारकीव में यूक्रेन से अलग एक नई सार्वजनिक प्रणाली बनाना चाहता है। इन इलाकों में खारकीव का अलग झंडा भी फहराया जाता है।
जबकि यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र के लुहांस्क, दोनेस्क, खेरसॉन और मैरियूपोल शहरों पर रूसी सेना पहले ही कब्जा जमा चुकी है। खारकीव क्षेत्र के गवर्नर ने कहा रूसी सेना ने पूर्वोत्तर शहर पर तीन मिसाइलें दागीं और इनसे सिर्फ नागरिक ठिकानों को ही निशाना बनाया गया। इनमें पहली मिसाइल ने एक स्कूल को नष्ट किया, दूसरी ने आवासीय भवन तबाह किया और तीसरी एक गोदाम के पास गिरी।
यूक्रेन की सांस्कृतिक कलाकृतियां भी खतरे में
रूस-यूक्रेन युद्ध के नतीजे काफी भयावह साबित हो रहे हैं। इनसे सांस्कृतिक व कलात्मक केंद्र भी खतरे में हैं। इनमें दीर्घाएं, पुस्तकालय, अभिलेखागार, संग्रहालय और विश्वविद्यालयों शामिल हैं। युद्ध में रूसी सेना ने यूक्रेन के कई सांस्कृतिक व कला केंद्रों को नष्ट कर दिया है। इस बीच, कीव के मैडन संग्रहालय के सामान्य निदेशक, इहोर पोशीवेलो ने विश्व समुदाय से पुतिन के ‘छद्म इतिहास’ का मुकाबला करने की अपील की।
स्कूलों में रूस समर्थक पाठ्यक्रम प्रारंभ
रूस अपने कब्जे वाले यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र स्थित स्कूलों को फिर से खोल रहा है। इनमें रूस समर्थक कोर्स शुरू किया गया है। खेरसॉन और जापोरिझिया जैसे क्षेत्रों में रहने वाले माता-पिता को धमकी दी जा रही है कि यदि वे रूसी पासपोर्ट नहीं लेते और अपने बच्चों को वे रूस समर्थक स्कूलों में नहीं भेजते हैं तो उनके पेरेंट संबंधी अधिकार छीन लिए जाएंगे। शिक्षकों व पालकों का कहना है कि इन स्कूलों के साथ सहयोग के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।
यूक्रेनी इतिहास की किताबें जलाईं
रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों में यूक्रेनी इंटरनेट और सेलुलर-सेवा प्रदाताओं और बाहरी मीडिया से काट दिया गया है। टेलीविजन पर केवल रूसी प्रोग्राम दिखाए जा रहे हैं। रूसी सैनिक यूक्रेन के इतिहास की किताबों को जला रहे हैं और स्कूलों में बच्चों को यूक्रेन से नफरत का पाठ सिखा रहे हैं। इनमें बताया जा रहा है कि वर्तमान युद्ध शुरू करने के लिए यूक्रेन ही दोषी है।
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