इंदौर। उंडवा वनक्षेत्र (Undwa forest area) में रविवार को एक डेढ़ वर्षीय तेंदुए (one and a half year old leopard) का शव मिला। तेंदुए के गले पर दूसरे वन्यप्राणी के दांत के निशान मिले हैं। तेंदुए के पैर में चोट के निशान देखकर ग्रामीणों (villagers) ने तेंदुए का शिकार होना बताया। सूचना मिलते ही वन विभाग के अफसर तुरंत मौके पर पहुंचे। शव की जांच के बाद वेटरनरी डाक्टरों (veterinary doctors) ने जानवरों की आपसी लड़ाई होना बताया। वन अफसरों के मुताबिक टेरेटरी को लेकर दो तेंदुओं के बीच लड़ाई होने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही घटनास्थल का भी निरीक्षण किया गया है।
दरअसल, यह मामला मानपुर रेंज (Manpur Range) में आने वाले उंडवा कक्ष क्र. 31 का है। ग्रामीणों ने मानपुर रेंजर को शिकार होने की बात बताई तो विभाग (Department) में हड़कंप मच गया। तत्काल सुबह दस बजे सीसीएफ एसएच मोहंता, डीएफओ नरेंद्र पंडवा, रेंजर पीएस चौहान सहित वनकर्मी और एसटीएसएफ की टीम पहुंच गई। मौका निरीक्षण करने पर क्षेत्र में दो तेंदुओं से जुड़े प्रमाण मिले। सूत्रों के मुताबिक एक स्थान पर बड़े पंजों के निशान दिखे। इसके आधार पर अफसरों ने दो तेंदुओं की लड़ाई होने की आशंका जताई। मौके पर आए वेटरनरी डाक्टरों ने तेंदुए के शव का परीक्षण किया। गले के पास दांत के निशान मिले हैं, जो दो इंच गहरे हैं। शव की हालत देख डाक्टरों ने तेंदुए की मौत रात 12 से 3 बजे के बीच होने की बात कही। सूत्रों के मुताबिक तेंदुए का शव पूरी तरह अकड़ चुका था। खून के थक्के भी बन गए थे। पैर पर भी खरोंच के निशान हैं।
रेंजर चौहान (Ranger Chauhan) ने बताया की तेंदुओं की आपसी लड़ाई के प्रमाण मिले हैं। बीते कई दिनों से क्षेत्र में नर तेंदुआ (Leopard) घूम रहा था। इसके बारे में ग्रामीणों ने कई बार सूचना भी दी। रेंजर चौहान ने कहा, डेढ़ वर्षीय मादा तेंदुए के शव के परीक्षण के बाद डाक्टरों की कमेटी ने रिपोर्ट दी है। इसके पहले भी इंदौर रेंज में आने वाले मोरोद माचल वनक्षेत्र में 17 जनवरी को एक तेंदुआ मृत मिला था। उसके शरीर पर कोई निशान नहीं था। सूत्रों के मुताबिक तेंदुए को जहर देना बताया था। मगर पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने उम्रदराज तेंदुए के कई अंग काम नहीं करना बताया था। बाद में तेंदुए का अंतिम संस्कार कर दिया। एसडीओ एके श्रीवास्ताव ने बताया कि 13 वर्षीय तेंदुए को पोस्टमार्टम करने के लिए इंदौर चिड़ियाघर में लाया गया था।
इंदौर रेंज के नयापुरा वनक्षेत्र (Nayapura forest area) में 10 जुलाई को एक घायल तेंदुआ (injured leopard) मिला था। शुरुआत में ग्रामीणों के बयान पर वनकर्मी दो तेंदुओं की आपसी लड़ाई बता रहे थे। मगर दूसरे तेंदुए से जुड़ा कोई प्रमाण नहीं मिला। ढाई महीने तक इसे लेकर इंदौर रेंज जांच करता था, लेकिन सितंबर 2020 में तेंदुए के सिर का सीटी स्कैन हुआ, जिसमें 42 छर्रे मिले थे। फिर विभाग ने शिकार को लेकर छानबीन शुरू की। आठ महीने बाद भी इंदौर रेंज और एसटीएसएफ को कुछ नहीं मिला। 28 मार्च 2021 को इंदौर रेंज ने जंगली सूअर के शिकार में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया। मामले में एसटीएसएफ ने इन पर तेंदुए को गोली मारने का प्रकरण भी लगा दिया है।
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