देवास। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास (Devas) जिले में एक ऐसा व्यक्ति है जो हकीकत में तो जीवित है, लेकिन शासकीय कागजों के हिसाब से मृत है। देवगढ़ गांव (Devagrh Village) का निवासी मेहरबान 2013 से अपने जिंदा होने का सबूत प्रशासन से मांग रहा है। लेकिन उसकी कई शिकायतों के बावजूद उसे जिंदा करार नहीं दिया गया है। बता दें कि बागली अनुभाग के ग्राम पंचायत देवगढ़ (Gram Panchayat Devgarh) में जिम्मेदारों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल, गांव के ही एक बुजुर्ग मेहरबान मालवीय को जीवित होने के बावजूद समग्र परिवार कार्ड में मृत बता दिया जा चुका है। इसके चलते उन्हें काफी परेशानियों से गुज़ारना पड़ रहा है। इस वजह से वह पिछले करीब 8 साल से गांव से लापता रहा है। आखिर इतनी बड़ी गलती की भेंट चढ़े मेहरबान को ना तो राशन मिल रहा ओर न ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है। इसी के चलते वृद्धा पेंशन से भी वह वंचित है।
मेहरबान (Meherban) का कहना है कि वह इस संबंध में कई बार पंचायत के चक्कर लगा चुके हैं। कार्य इतनी धीमी गति से हो रहा है कि अभी तक इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है। मेहरबान के पास ना तो जमीन है और ना ही कमाने का कोई अन्य साधन है। उम्र अधिक होने की वजह से अन्य कोई काम करने में भी सक्षम नहीं है, इसलिए वह अब वृद्धवस्था में एकमात्र सहारा सरकार को मान रहा है। मेहरबान ने बताया कि उसने 3-3 बार ग्राम पंचायत में शिकायत की थी। यहां तक कि एम हेल्पलाइन पर भी इस मामले की जानकारी दी थी। फ़िलहाल मेहरबान कागजों में जिंदा होने की दुहाई मांग रहा है।
ग्राम सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि मेहरबान काफी समय से गांव में नहीं था। संभवतः उसी के चलते त्रुटि वश मृत घोषित हुआ है। कामकाज के कारण गांव से आने जाने के बाद त्रुटि हुई होगी। समग्र सदस्य आईडी का सुधार कार्य चल रहा है. जल्द ही सुधार करवा देंगे. कैसे मृत हुआ, हमें इसकी जानकारी नहीं है।
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