नई दिल्ली (New Dehli)। उत्तर प्रदेश के जलालाबाद (Jalalabad, Uttar Pradesh)में अपने भतीजे की शादी के रिसेप्शन (reception)में शामिल होने आए मुंबई(Mumbai) के एक 35 वर्षीय निहाल खान की बुधवार (Nihal Khan’s Wednesday)को कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। निहाल खान कोई और नहीं बल्कि भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर का बहनोई था। परिवार के सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। निहाल जलालाबाद के चेयरमैन शकील खान का साला भी था।
2016 में निहाल कथित तौर पर शकील की भतीजी के साथ भाग गया था। हालांकि बाद में दोनों के बीच समझौता हो गया। शकील ने कहा, “निहाल 15 फरवरी को अपनी फ्लाइट मिस कर गया था और सड़क मार्ग से यहां आया था। ऐसा लगता है कि मेरा भाई कामिल अभी भी 2016 के प्रकरण को लेकर निहाल से नाराज था और बदला लेना चाहता था।”
आपको बता दें कि पाकिस्तान में छिपे भारत का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी दाऊद इब्राहिम को जहर दिये जाने की हाल ही में खबरें सामने आई थी। उसको कराची के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस खबर के सामने आने के बाद पाकिस्तान में फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूबर और गूगल सर्विस डाउन हो गई थी। आपको बता दें कि दाऊद पहले से ही किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहा है।
एक्स पर कई लोग दावा कर रहे थे कि दाऊद को जहर दिया गया था जिसके बाद उसकी हालत काफी नाजुक हो गई। इलाज के लिए उसे कराची के किसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन पाकिस्तान उससे संबंधित खबर को छुपाकर रखना चाहता है। हालांकि अभी तक किसी भी सरकारी एजेंसी या मीडिया द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
भारत के सबसे बड़े दुश्मन और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को जहर देने की खबर के बाद से सोशल मीडिया पर कई दावे किए गए। पाकिस्तान में छिपकर रह रहे दाऊद को जहर देने के दावे के साथ कहा जा रहा है कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आखिर ऐसा क्या है कि दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान ने अपना करीबी बनाया। वह भी तब जब लगातार पाकिस्तान के ऊपर इस बात का दबाव पड़ता रहा कि भारत के नंबर वन दुश्मन को पाकिस्तान में पनाह क्यों दी। लेकिन पाकिस्तान ने इन सब की परवाह किए बगैर भारत के बड़े दुश्मन और डी कंपनी के दाऊद इब्राहिम को न सिर्फ पाकिस्तान में शरण दी। बल्कि भारत में आतंक फैलाने का पूरा तंत्र उसके हाथों में दे दिया।
वर्ष 1993 के दौर में मुंबई पुलिस की स्पेशल ब्रांच के अधिकारी रहे प्रवीण वानखेड़े कहते हैं कि पाकिस्तान हमेशा से उन लोगों का साथ देता था जो कि भारत को अस्थिर कर सके। नब्बे के दशक में दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान का एक बड़ा मोहरा बना, जिसने पाकिस्तान की शह पर देश के अलग-अलग हिस्सों में ड्रग्स, हथियार और आतंक का वह नेटवर्क खड़ा किया, जो पाकिस्तान की पहली चाहत थी। वानखेड़े कहते हैं कि 1993 में आईएसआई के चीफ जनरल जावेद नासिर ने दाऊद इब्राहिम को जितना सपोर्ट किया, उससे वह अपना अवैध साम्राज्य खड़ा करता गया। वह कहते हैं कि 1993 में हुए मुंबई में बम धमाके तत्कालीन आईएसआई चीफ जनरल जावेद नासिर के इशारे पर ही किए गए थे। यही वह बड़ी वजह बनी कि पाकिस्तान ने दाऊद पर अपना दांव लगाना शुरू कर दिया।
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