नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई (rising inflation) के बीच आम लोगों में हर सुबह पेट्रोल और डीजल के दाम को लेकर टेंशन बनी रहती है। बुधवार यानी आज की सुबह एक नई टेंशन जुड़ गई है। यह टेंशन केंद्रीय रिजर्व बैंक (central reserve bank) के मौद्रिक नीति समिति के नतीजों (Monetary Policy Committee results) को लेकर है।
आने वाले हैं बैठक के नतीजे:
दरअसल, मौद्रिक नीति समिति की सोमवार से द्विमासिक समीक्षा बैठक जारी है और इसमें लिए गए फैसलों के बारे में बुधवार को जानकारी दी जाएगी। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि रेपो रेट में एक बार फिर बढ़ोतरी की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो होम या दूसरे तरह के लोन महंगे हो जाएंगे। अगर आपने लोन ले रखी है तो उसकी ईएमआई में भी बढ़ोतरी संभव है।
रेपो रेट में कितनी बढ़ोतरी संभव:
रिजर्व बैंक बुधवार को रेपो रेट में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, ऐसे में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में चौथाई से आधा प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकता है।
मई में दिया था झटका:
बता दें कि आरबीआई ने पिछले महीने भी अचानक रेपो रेट और कैश रिजर्व रेशियो ( सीआरआर) में वृद्धि कर सबको चौंका दिया था। रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि सीआरआर में भी 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।
रिजर्व बैंक के इस सख्त कदम के लिए बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को जिम्मेदार बताया गया था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2021 से ही लगातार बढ़ रही है। वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से ही आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल, 2022 में यह आठ साल के उच्चस्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी।
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