इंदौर। सर मैं पढऩा चाहती हूं, अपनी मां के लिए कुछ कर गुजरने का सपना है… लेकिन दादी और पापा कहते हैं लड़कियों को पढक़र क्या करना है। वे अपने सौतेले बेटे को पढ़ाना चाहते हैं। मेरी फीस भरने से मना करते हुए उन्होंने स्कूल से नाम कटाने को कह दिया है। मुझे कभी पिता का प्यार तो मिला नहीं, मुझसे पढऩे का अधिकार न छीनें। पढ़-लिखकर आगे बढऩे और अपने पैरों पर खड़े होने के लिए 11वीं कक्षा में पढऩे वाली दिव्यांशी तम्बोली ने कलेक्टर से गुहार लगाई। अपर कलेक्टर गौरव बैनल के समक्ष मां के साथ पहुंची बालिका ने बताया कि पिता ने मां को बिना तलाक दिए ही दूसरी शादी कर ली है और वह अब अपने सौतेले बेटे को पढ़ाना चाहते हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी करने वाले पिता ही पढ़ाई का महत्व नहीं जानते और वे मुझे पढऩे से रोक रहे हैं। दादी भी पिता को सपोर्ट कर रही हैं। अपर कलेक्टर बैनल ने महिला एवं बाल विकास को सूचित कर तुरंत पढ़ाई के लिए सभी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर बैनल के अनुसार किसी भी बच्ची से पढऩे का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। यदि सरकारी नौकरी में होने के बावजूद पिता द्वारा यह अपराध किया जा रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
टीचर की मानसिक प्रताडऩा से युवक ने की आत्महत्या
हाल ही में राजू पिता बद्रीलाल हाड़ा निवासी भागीरथपुरा ने अपनी ही शिक्षिका की प्रताडऩा से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी, जिसे न्याय दिलाने के लिए अब माता-पिता दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पांच लाख की मांग करने वाली शिक्षिका आकांक्षा वर्मा ने छात्र को प्रेमजाल में फंसाया और ब्लैकमेल किया, जिससे डरकर बेटे ने मौत को गले लगा लिया। पिता बद्रीलाल ने बताया कि उक्त शिक्षिका को नाबालिग बताकर बचाया जा रहा है। उसके जन्म प्रमाण पत्र से लेकर पूर्व में भी पूरे प्रकरणों का हवाला देेते हुए खुलासा करने की मांग की।
एक आधार नंबर दावेदार दो
आधार कार्ड बनाने वाली कंपनियों के कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा दो लड़कियों को भुगतना पड़ रहा है। एक ही आधार कार्ड नंबर पर दो बच्चियों के फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतलियों के प्रिंट, थंब इम्प्रेशन चढ़ाने का मामला सामने आया है। पिछले चार साल से त्रुटि सुधार के लिए भटक रही बच्चियों को आखिरकार कलेक्टर से शिकायत करना पड़ी, तब जाकर सुधार कार्य के निर्देश जारी हो सके। करीना पिता महेंद्र आर्य ने बताया कि उसके साथ ही पढऩे वाली कृतिका के आधार नं. पर भी उसके ही फिंगरप्रिंट चढ़ाए गए हैं। उसके कारण जन्म प्रमाण पत्र के साथ-साथ आधार नं. सुधारने में भी परेशानी आ रही है।
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