नई दिल्ली (New Delhi)। कोरोना वैक्सीन CoWin लगवाने वालों का डेटा लीक होने की खबरों को लेकर केंद्र सरकार ने बयान दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि कोविन डेटा (covin data) उल्लंघन का दावा करने वाली खबर निराधार और शरारतपूर्ण प्रकृति की है, पोर्टल पूरी तरह से सुरक्षित है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि कोविन प्लेटफॉर्म (covin platform) पर पंजीकृत लाभार्थियों के डेटा में सेंध लगने का दावा करने वाली खबरें ‘‘बेबुनियाद” हैं और उसने देश की नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी सर्ट-इन से मामले में जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का का अनुरोध किया है।
डेटा लीक होने की सभी रिपोर्ट्स बिना किसी आधार की हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय से इसे लेकर एक रिपोर्ट भी जारी करने को कहा है। केंद्र के आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डाटा लीक होने के मामले पर हम नज़र बनाए हुए हैं। आईटी राज्यमंत्री के अनुसार टेलीग्राम पर जो CoWin का डाटा वायरल हो रहा है, उसे देख कर लगता है कि पिछली बार जिस हैकर ने डाटा चोरी किया था, उसे ही टेलीग्रा बोट ने एक्सेस किया है।
टीएमसी नेता ने आरोप लगाया कि कई विपक्षी दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की जानकारियां लीक हुई हैं. इसमें टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा के उप-सभापति हरिबंश नारायण सिंह, राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव, अभिषेक मनु सिंघवी और संजय राउत जैसे नेताओं का नाम है।
उन्होंने कहा कि क्यों केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय इस मामले से अनभिज्ञ है? आखिर लोगों को डाटा लीक होने की जानकारी क्यों नहीं दी गई? मोदी सरकार ने भारतीयों की पसर्नल जानकारियों तक पहुंचने में किसे मदद दी है, जिसकी वजह से डाटा लीक हुआ है? टीएमसी नेता ने कहा है कि ये पूरा मामला गंभीर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. इस गंभीर डाटा लीक के लिए केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव जिम्मेदार हैं. उन्हें रेलवे के साथ ही इस मंत्रालय का कामकाज सौंपा गया है. कब तक पीएम मोदी अपने मंत्री की अक्षमता की अनदेखी करते रहेंगे?
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