img-fluid

दिन में छा जाता है अंधेरा, तेज हवाओं के साथ आंधी-पानी भी खूब, क्या है काल बैसाखी; कितना है खतरा

  • April 13, 2025

    नई दिल्ली । गर्मी के दिनों(summer days) में जब आसमान अचानक(the sky suddenly) काला पड़ जाए, तेज हवाओं के साथ ओले गिरने लगें (hail started falling)और बिजली कड़कने(lightning strikes) लगे, तो समझ लीजिए कि काल बैसाखी का आगमन हो चुका है। पूर्वी भारत, खासकर पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा और असम में ये एक आम लेकिन बेहद खतरनाक मौसमी घटना है, जो हर साल अप्रैल से जून के बीच दस्तक देती है। कुछ ऐसा ही गुरुवार को हुआ, जब आसमान में अचानक घिरे काले बादलों ने दिन को रात में बदल दिया। तेज हवाएं, मूसलाधार बारिश और कड़कती बिजली ने उत्तर भारत के कई राज्यों में तबाही मचा दी। इस आपदा ने कम से कम 102 लोगों की जान ले ली है। बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में आसमानी बिजली गिरने और तेज आंधियों से जुड़ी घटनाओं ने दर्जनों परिवारों को उजाड़ दिया।

    सबसे ज्यादा बिहार में तबाही


    बिहार इस प्राकृतिक कहर का सबसे बड़ा शिकार बना, जहां 80 लोगों की जान गई। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री विजय मंडल ने इसकी पुष्टि की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

    उत्तर प्रदेश में 22 लोगों की मौत

    उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से 22 मौतों की खबर है। सबसे ज्यादा जानें फतेहपुर और आजमगढ़ में गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्य तेज करने और प्रभावितों को मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फसलों के नुकसान का आंकलन और जलभराव वाले इलाकों से पानी निकालने की बात भी कही गई है।

    झारखंड में फसलें तबाह

    झारखंड के धनबाद, हजारीबाग और कोडरमा में आंधी और ओलों ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। बिजली गिरने से चार लोग घायल हुए, जिनमें तीन बुजुर्ग शामिल हैं।

    कालबैसाखी का मतलब क्या?

    काल बैसाखी शब्द में ही इसका मतलब छिपा है। ‘काल’ यानी मृत्यु और ‘बैसाखी’ यानी बैसाख का महीना। यानी बैसाख के महीने में आने वाली खतरनाक आंधी और बारिश। वैज्ञानिक भाषा में इसे नॉर्वेस्टर कहा जाता है, जो गर्मी के कारण बनने वाली अस्थिर वायुमंडलीय स्थिति और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी के टकराव से पैदा होती है।

    कितना खतरा?

    यह तूफान आमतौर पर दोपहर या शाम के वक्त आता है। इसकी रफ्तार कई बार 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाती है। पेड़ उखड़ जाते हैं, बिजली के खंभे गिर जाते हैं, और खेतों में खड़ी फसलें तबाह हो जाती हैं। सबसे ज्यादा असर ग्रामीण इलाकों में होता है, जहां कच्चे मकान और खुले खेत इस कहर को झेल नहीं पाते। हर साल कालबैसाखी की वजह से जान-माल का भारी नुकसान होता है। कई बार बिजली गिरने से लोगों की मौत हो जाती है। पिछले कुछ वर्षों में यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा में इस वजह से कई दर्जन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

    Share:

    नेशनल हेराल्ड केसः ईडी ने 661 करोड़ रुपये की कुर्क संपत्तियों पर कब्जे के लिए भेजा नोटिस

    Sun Apr 13 , 2025
    नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) ने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति (Immovable assets worth Rs 661 crore) पर कब्जे के लिए नोटिस जारी किया है, जिसे उसने कांग्रेस नियंत्रित ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (AJL) के खिलाफ धन शोधन मामले की जांच में कुर्क किया था। संघीय जांच एजेंसी ने बयान में कहा कि […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved