कांग्रेस के ही वोट काटेंगे तीन बार से हारे दरबार, शुक्ला के लिए मुश्किलें
इंदौर। महू (Mhow) से कांग्रेस के बागी के रूप में दरबार के मैदान में उतरने के कारण ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो 3 दिसम्बर को ही पता चल पाएगा, लेकिन यह तो तय है कि दरबार कांग्रेस के वोट बड़ी संख्या में काटेंगे। करीब 18 सालों से भाजपा में रहे और अब कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा के वोट भी काट सकते हैं। यहां से दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरी उषा ठाकुर को लेकर विरोध तो था, लेकिन अब उसका फायदा उन्हें मिलते नजर आ रहा है। अगर दरबार कांग्रेस के वोट काटते हैं तो एक बार फिर उषा ठाकुर को फायदा मिल सकता है।
इस बार हर सीट पर किसी न किसी नजरिये से मुकाबला कड़ा होने के आसार नजर आ रहे हैं। इंदौर पर सबकी निगाह है और महू से एक बार फिर भाजपा ने उषा ठाकुर को टिकट देकर मुकाबला रोचक बना दिया है। उषा के बारे में कहा जाता है कि वे अभी तक अजेय विधायक रही हैं और चुनौतीपूर्ण सीट से ही चुनाव लड़ती हैं। हालांकि इस बार उषा के सामने उनके अपने ही चुनौती बनकर उभर रहे हैं। यहां से उषा को दूसरी बार टिकट देने के लिए पहले भाजपा के ही वरिष्ठ नेताओं ने उनके नाम का विरोध तक कर डाला। यहां से पार्टी कविता पाटीदार के नाम पर दांव लगाने वाली थी, लेकिन पाटीदार ने पहले ही मना कर दिया। दूसरे नंबर पर भाजपा के मोर्चा जिलाध्यक्ष मनोज ठाकुर थे, उनका नंबर भी लग पाया। हालांकि अब सब उषा ठाकुर को जिताने में लगे हैं, क्योंकि उनके सामने भी चैलेंज हैं। वहीं तीन बार से लगातार चुनाव हार रहे अंतरसिंह दरबार को उम्मीद थी कि इस बार कांग्रेस उन्हें ही टिकट देगी, लेकिन भाजपा से कांग्रेस में आए रामकिशोर शुक्ला को टिकट देकर उनका पूरा गणित बिगाड़ दिया। इस बीच दरबार ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन भर दिया। कल कांग्रेस ने उन्हें 6 साल के बाहर कर दिया है। हालांकि दरबार लगातार जीत का दावा कर रहे हैं और वे कह रहे हैं कि इस बार चुनाव तो वे जीतकर रहेंगे। दूसरी ओर रामकिशोर शुक्ला को कांग्रेस के वोट के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं के वोट भी मिल सकते हैं, जिनके साथ वे पिछले 18 सालों से रहे हैं। ये वोट उषा के लिए चुनौती साबित होंगे, लेकिन कांग्रेस के वोट अगर दो भाग में बंटते हैं तो फिर उषा के सामने कोई चुनौती नहीं है और वे इस सीट पर फिर से अपना कब्जा कायम रखने में कामयाब हो सकती है। हालांकि कांग्रेस संगठन भी यहां से सक्रिय हो गया है और कैसे भी हो यह सीट भाजपा के हाथ से निकाल सकता है।
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