रायपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के गांव टेटम गांव में आखिरकार बिजली पहुंच गई है. गांव में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने बिजली कनेक्शन देने शुरू कर दिए हैं. आजादी के 75 साल बाद इस गांव में सरकार की ओर से मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने की कवायद शुरू हुई है. पिछले साल के आखिर में ही गांव में मोबाइल टॉवर लगाए गए थे. यह जानकारी जिलेके सहायक पुलिस अधीक्षक ने दी.
उन्होंने बताया कि टेटम गांव के ज्यादातर लोगों को बिजली कनेक्शन दे दिया गया है. बाकी लोगों को भी बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ‘मनवा नवानार’ योजना के तहत इस गांव के सभी घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया गया है. मोबाइल नेटवर्क के लिए टॉवर पहले ही लगा दिया गया था. अब बिजली लगने के बाद यह गांव भी डिजीटल इंडिया नेटवर्क से सीधा जुड़ गया है.
उन्होंने बताया कि इस गांव के लोग भी अब राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ना चाहते हैं. ऐसे में लोगबों के साथ मिलकर इस पूरे क्षेत्र को नक्सली आतंक से मुक्ति दिलाई गई है. वहीं, दूसरी ओर बिजली विभाग के CEO ने बताया कि इस गांव तक बिजली की लाइन पहुंचाने में नाको चने चबाने पड़े हैं. आखिरकार लोगों का प्रयास और विभाग के कर्मचारियों की मेहनत सफल हो गई है. गांव में बिजली और मोबाइल नेटवर्क का सबसे बड़ा विरोध नक्सलियों की ओर से हो रहा था.
ऐसे में आशंका थी कि मोबाइल या बिजली के टॉवर लगाने के दौरान नक्सलियों का हमला हो सकता है. लेकिन प्रशासन, पुलिस और स्थानीय लोगों ने कर्मचारियों की सुरक्षा का जिम्मा लिया और काम में सहयोग किया. इससे कम से कम समय में कनेक्शन देने की प्रक्रिया पूरी हो सकी है. अधिकारियों के मुताबिक अब सप्लाई के बारे में प्लान तैयार किया गया है. साथ ही नुकसान, तार काटने और खम्भों को नक्सल अटैक से बचाने के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. शुरुआती कुछ दिनों तक इसकी जिम्मेदारी सुरक्षा बलों की होगी.
नक्सलियों का गढ़ रहा है टेटम गांव
दंतेवाड़ा का टेटम गांव शुरू से ही नक्सलियों का गढ़ रहा है. इस गांव में नक्सलियों के प्रभाव के चलते ही आजादी के 75 साल बाद भी इस गांव में अब तक सड़क, बिजली और मोबाइल नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पायी. अधिकारियों के मुताबिक कई कुख्यात नक्सल गैंग कमांडर इसी गांव के बाशिंदे रहे हैं.
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