नई दिल्ली । ’वंदे भारत मिशन’ के तहत दुबई से यात्रियों का वापस ला रहे एयर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का सबसे बड़ा कारण एयरपोर्ट के ’टेबलटॉप’ रनवे को माना जा रहा है। अमूमन ऐसे एयरपोर्ट पर विमानों की लैडिंग को खतरनाक माना गया है। भारी बारिश के कारण रनवे पर जलभराव हो गया था जिसकी वजह से प्लेन रनवे से आगे निकलकर 35 फीट खाई में जा गिरा और दो टुकड़ों में बंट गया। इस हादसे में पायलट समेत 16 लोगों की मौत हो गई।
एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान जब कोझिकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग कर रहा था तो उस समय भारी बारिश के कारण रनवे पर जलभराव हो गया था। इसी वजह से प्लेन रनवे से आगे निकल गया और लगभग 35 फीट गहरी खाई में जाकर दो हिस्सों में बंट गया।केरल के इस एयरपोर्ट का रनवे ’टेबलटॉप’ की तरह बना है यानी इस एयरपोर्ट के रनवे के आस-पास घाटी है। ऐसे में टेबलटॉप रनवे खत्म होने के बाद आगे ज्यादा जगह नहीं होती है। इसीलिए ऐसे एयरपोर्ट पर विमानों की लैडिंग को खतरनाक माना गया है। एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि इस विमान की लैंडिंग भी तकनीकी रूप से ठीक नहीं थी।
हवाई पट्टी की दोनों तरफ या एक तरफ घाटी होने के कारण ’टेबलटॉप’ रनवे में जोखिम काफी ज्यादा होता है। ऐसे में विमानों की लैंडिंग और उड़ान दोनों के दौरान काफी सतर्कता बरतनी होती है। इसके कारण इन एयरपोर्ट के पायलट भी काफी कुशल होते हैं। ज्यादातर टेबलटॉप रनवे पठार या पहाड़ के टॉप पर बने होते हैं। देश में कर्नाटक के मंगलुरु, केरल के कोझिकोड एयरपोर्ट और मिजोरम में टेबलटॉप रनवे बने हुए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी कहा, ‘मैं कोझीकोड में हुए हवाई हादसे में बहुत पीड़ित और व्यथित हूं। दुबई से कोझीकोड की एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या AXB-1344 बारिश की स्थिति में रनवे पर फिसलकर 2 टुकड़ों में टूटने से पहले एक ढ़लान में 35 फीट नीचे पहुंच गया।
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