भोपाल। कूनो नेशनल पार्क के बाड़ा क्रमांक-1 में मेटिंग के दौरान चीतों के बीच हिंसक मिलन में एक मादा चीता दक्षा की मौत हो गई। इस हिसंक में बाड़े में छोड़े गए दो चीते भी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद अन्य बाड़ों में एक साथ रहे अन्य चीतों को लेकर चिंता बढ़ गई है। बता दें कि, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद 17 अप्रैल को 03 और 19 अप्रैल को शेष 09 चीतों को बड़े बाड़े में आजाद किया गया था। इनमें कुछ नर-मादा को जोड़ी से छोड़ा गया है। तो कुछ अकेले रखा गया है। दो-दो नर चीतों और दो मादा चीतों को जोड़ी से सेपरेट बाड़े में छोड़ा गया है। कुल तीन बाड़ों में छह चीते तो बाकी चीतों को अलग-अलग बाड़ों में रखा गया है। चीतों को जिस बड़े बाड़े में आजाद किया गया है, वह छह वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। इसमें 9 एनक्लोजर बनाए गए हैं।
दक्षा की मौत ने बढ़ाई चिंता
कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता की मौत मेंटिंग के दौरान संघर्ष में हो गई। हालाकि इसके पूर्व भी दो चीतों की मौत यहां हो चुकी है, पर चीता दक्षा की मौत की इस तरह से मौत ने देश में सात दशक बाद बसाए जा रहे चीतो को लेकर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। चिंता का कारण यह है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में प्रजनन ही सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। प्रोजेक्ट की पूरी सफलता इस बात पर ही है कि मादा चीते जल्द से जल्द प्रजनन करें, ऐसे में यदि मेटिंग में ही मादा चीता की मौत हो जाती है तो चिंता लाजिमी है।
प्रबंधन के निर्णय पर खड़े हो रहे हैं सवाल
दक्षा की मौत ने प्रबंधन के उस निर्णय पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें मेटिंग के उद्देश्य से दो नर चीता को मादा चीता के साथ छोड़ा गया। मेटिंग कराने का निर्णय हाई लेवल बैठक में लिया गया था। दक्षा से मेटिंग के लिए एक साथ दो चीतों का चयन क्यों किया गया। अब इस निर्णय की समीक्षा होगी, क्योंकि इस समय बाड़े में सात मादा चीता और सात नर चीता मौजूद हैं। जबकि एक मादा चीता अपने चार शावकों के साथ अलग है। दो नर चीता खुले जंगल में हैं। जानकारों का कहना है प्रजनन की प्रक्रिया यदि बाड़े के बजाए खुले जंगल में अपनाई जाती तो बेहतर रहता। अमूमन जानवरों का बिहेवियर ऐसा होता है कि वे, जब किसी से मेटिंग करते हैं तो दूसरे के प्रति गुस्सा रहता ही है। खुले जंगल में काफी समय तक मादा चीता आशा के साथ तीन नर चीते फ्रेडी, आल्टन और ओबान रहे हैं, परंतु कभी ऐसा मामला नहीं देखा गया। इसकी भी पड़ताल की जाएगी।बुधवार को सुबह विशेषज्ञों की टीम ने चीता दक्षा का पोस्टमार्टम किया।
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