भोपाल: भोपाल में लंपी वायरस (lumpy virus in bhopal) का खतरा लगातार बढ़ते जा रहा है. बीते एक हफ्ते की बात की जाए तो करीब लंपी वायरस से संक्रमित मवेशियों की संख्या 32 (Number of infected cattle 32) पर पहुंच गई है. वहीं 11 संक्रमित गोवंश सड़क पर आवारा घूमते हुए मिली हैं. जिन्हें पकड़कर जहांगीराबाद के पशु आश्रय स्थल में रखा गया है. वहीं संक्रमित हुई गोवंश (infected cattle) को स्वस्थ पशुओं से दूर रखने को भी कहा गया है. ताकि ये लंपी वायरस दूसरे जानवरों में भी न फैले. अगर ऐसा होगा तो फिर कई जानवर इसकी चपेट में आएंगे.
बता दें कि भोपाल के जहांगीराबाद के आवारा पशु आश्रय में मवेशियों का इलाज किया जा रहा है. जहां 2 से 3 संक्रमित गोवंश की हालत काफी गंभीर है. डॉक्टरों का कहना है कि सात दिन तक संक्रमित पशुओ को क्वारेंटाइन में रखा जाता है. इसके बाद वे ठीक हो जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक लंपी वायरस कोरोना की तरह ही जैसे इंसानों से इंसानों में फैला था, वैसे ही ये जानवरों में फैलता है. इसलिए संक्रमित और स्वस्थ्य गोवंश को अलग-अलग रखा जाता है. वहीं पशुओं की जांच ब्लड सैंपल के जरिए होती है, ब्लड लैब में भेजा जाता है. तब रिपोर्ट आती है.
लंपी संक्रमित जानवरों में कई तरह के लक्षण दिखते हैं. इस वायरस से ग्रस्त जानवरों को तेज बुखार आता है. वह काफी सुस्त हो जाते हैं. पैरों में सूजन आती है. मुंह से लगातार लार निकलती है. शरीर में ला गठानें आती है. हालांकि ये बीमारी एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलती है. इंसानों को इस बीमारी से कोई खतरा नहीं होता है. आपको बता दें कि साल 2022 में प्रदेश में करीब 7687 मवेशी लंपी वायरस से संक्रमित हुए थे. 100 गोवंश की लंपी वायरस से मौतें हुई थी.
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