कल रात की जांच में 22 प्रतिशत मरीज संक्रमित निकले, पहली बार सर्वाधिक आंकड़ा
इन्दौर। शहर में लाख कोशिशों के बावजूद कोरोना संक्रमण ( infection) थमने का नाम नहीं ले रहा है। कल रात हुई जांच में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 737 मरीजों के रूप में नया आंकड़ा आया है। यही नहीं, पहली बार अधिकृत रूप से शहर में संक्रमण की दर बढक़र 22 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक तरह से शहर में खतरे की घंटी बज गई है और इस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो शहर के हालात महाराष्ट्र (maharashtra) के शहरों जैसे हो जाएंगे।
सप्ताह में एक दिन का लॉकडाउन और नाइट कफ्र्यू भी शहर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगा पाने में असफल साबित हो रहा है। आज तीसरा रविवार है जब लॉकडाउन (lockdown) है और 17 मार्च से नाइट कफ्र्यू (night curfew) भी जारी है। बावजूद इसके प्रतिदिन कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़ा हुआ आ रहा है। 27 मार्च से यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि मार्च माह में मरीज ज्यादा आने लगे, लेकिन कोरोना संक्रमण की दर 17 प्रतिशत से ज्यादा नहीं पहुंची थी। अनधिकृत तौर पर देखा जाए तो जिन मरीजों के पॉजिटिव (positive) होने की घोषणा की जा रही है, उससे अधिक मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं। और कई तो ऐसे हैं जो अस्पताल में इलाज कराने नहीं पहुंच रहे हैं। जब संक्रमण ज्यादा बढ़ जाता है तब अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसी कारण कोविड अस्पतालों (covid hospitals) में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिस कारण आईसीयू और वेंटिलेटर की संख्या में भी कमी आ रही है। यह पहली ही बार है, जब इंदौर में रिकॉर्डेड 737 मरीज निकले हैं और आंकड़ा 22.39 प्रतिशत पर पहुंच गया है। पिछले तीन दिनों से भी यह आंकड़ा 2-2 प्रतिशत बढ़ रहा है, जो खतरे की घंटी है। अप्रैल के शुरुआती तीन दिनों में ही 2 हजार 127 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं, जबकि 6 मरीजों की मौत हो चुकी है।
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