नई दिल्ली (New Dehli) । दमोह शहर (Damoh city)में संचालित मांसाहार (non-vegetarian)की दुकानों को विस्थापित करने के मुख्यमंत्री (Chief Minister)मोहन यादव के निर्देश के बाद प्रशासन (Administration)ने जैसे ही सख्ती दिखाई, मांसाहार का व्यापार करने वाले लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। गुरुवार को रैकवार समाज, खटीक समाज और मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग एकत्रित हुए और मुख्य मार्गों से रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है।
उन्होंने मांग की है कि शहर में जगह-जगह मुख्य मार्गों पर खुली दुकानों को प्रशासन बंद कर दे। लेकिन सालों से दमोह के चरयाई बाजार क्षेत्र में जो दुकानें संचालित हो रही हैं, उन्हें न हटाया जाए। रैकवार समाज के मोंटी रैकवार ने कहा कि कई साल से यहां पर व्यवसाय चल रहा है, इसे न हटाया जाए। यदि ऐसा किया जाता है तो सभी समाज के लोग मिलकर इसका विरोध करेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन ने सीता बावली क्षेत्र में शहर के एक बाहरी इलाके में दुकाने तय की है। लेकिन इतनी दूर हम सभी व्यापारी नहीं जाना चाहते हैं। हमें इसी स्थान पर रखा जाए।
वहीं, इस मामले में ज्ञापन लेने पहुंचे दमोह तहसीलदार मोहित जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी को नोटिस दिए गए थे और उसके पहले बैठक कर सभी को जानकारी दी गई थी कि दुकान विस्थापित की जा रही है। अब यह लोग अपनी दुकान न हटाने की मांग लेकर ज्ञापन देने आए हैं। ज्ञापन वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा दिया जाएगा, जो भी निर्देश प्राप्त होंगे। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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