नई दिल्ली: आने वाले समय में गेहूं चावल की कीमतों में बढ़त आने की आशंका है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज कहा कि बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है. हालांकि ये नुकसान कितना है अभी इसकी जानकारी नहीं मिली है. आशंका है कि अगर नुकसान ज्यादा हुआ था महंगाई की एक नई लहर की शुरुआत हो सकती है. कृषि मंत्री ने शनिवार को कहा कि अक्टूबर में हुई ज्यादा बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा है और सरकार नुकसान का आकलन करने के लिए राज्यों से जानकारी का इंतजार कर रही है.
तोमर ने संवाददाताओं से कहा कि निश्चित रूप से, बेमौसम बारिश के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है. सर्वेक्षण चल रहा है और हम नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए राज्यों से सूचना का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान मानसून पर निर्भर हैं, जो अप्रत्याशित है. उन्होंने कहा कि सभी उपायों के बावजूद, किसान प्रकृति पर निर्भर हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के पास राज्य आपदा राहत कोष है जिसका उपयोग वे किसानों को मुआवजा प्रदान करने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि फसल को हुए नुकसान की सीमा का आकलन करने की उचित प्रक्रिया के बाद राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से और राशि जारी की जाएगी. साथ ही उन्होंने जानकारी दी है कि रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) जल्द ही घोषित किया जाएगा.
कृषि मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार रबी फसलों, विशेष रूप से तिलहन और दलहन की बुवाई देशभर में शुरू हो गई है और अब तक लगभग 7.34 लाख हेक्टेयर भूमि पर बुवाई हो चुकी है. गेहूं रबी की मुख्य फसल है लेकिन राज्यों से इसकी बुवाई के आंकड़े अभी तक नहीं मिले हैं. इस साल अक्टूबर के महीने में अब तक रिकॉर्ड बारिश देखने को मिली है. ये मौसम फसल की कटाई का समय होता है हालांकि कई जगह भारी बारिश से तैयार फसल नष्ट हो गई है. इस साल पहले ही बुवाई कम हुई है. ऐसे में तैयार फसल के नष्ट होने से सप्लाई पर और बुरा असर देखने को मिल सकता है.
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