-सबकी मुश्किल बढ़ा रही कुछ लोगों की नासमझी … चालान बन रहे लेकिन कुछ लोग सुधरते ही नहीं
-सोशल डिस्टेंसिंग भूले लोग, मास्क भी नहीं लगा रहे, सुरक्षा की अनदेखी से लगातार बढ़ रहा है खतरा
इंदौर। दीपावली बाद से इंदौर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज है और हर दिन लगभग 500 से अधिक केस आ रहे है। बावजूद इसके कुछ लोगों की नासमझी सब पर भारी पड़ रही है।
कुछ दुकानदार भीड़ रोकने के इंतजाम नहीं कर रहे जिससे संक्रमण बढऩे का खतरा है तो कुछ वाहन चालक यातायात और संक्रमण दोनों बढ़ाने का काम कर रहे है। कई लोग ऐसे भी है जो छोटे बच्चों को बिना मास्क के लेकर बाजार निकल रहे हंै तो बाकी भी कई ऐसे है जो पुलिस को देखकर मास्क लगा रहे है। शादियों का सीजन शुरु होने से बाजार में भीड़ होना स्वाभाविक है, लेकिन इस दौरान लापरवाही करना ठीक नहीं। एक सप्ताह में जिस तरह कोरोना संक्रमण के केस बढे और लगभग हर दिन कोरोना फिफ्टी से आगे ही निकल रहा तो फिर सावधानी नही रखना चिंताजनक है। सुबह सवेरे से ही खुले बाजारों में लोग बिना-मास्क के सडक़ों पर खुलेआम घूमने निकल जाते हैं। किराना और दवा की दुकानों पर ही नहीं, स्टेशन रोड सहित अन्य दुकानों एवं बाजारों में भीड़ उमड़ रही है।
अस्पतालों में ही नियमों की अनदेखी
जिस जगह पर कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है वहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने वाला कोई नहीं है। सरकारी से लेकर निजी अस्पताल की ओपीडी के सामने पर्ची कटाने के लिए कोरोना काल में भी सामान्य दिनों की तरह ही मरीजों की लाइन लग रही है। पर्ची कटाने के लिए कतार में खड़े लोगों को यह तक एहसास नहीं है कि यदि लाइन में कोई कोरोना संक्रमित खड़ा है तो उसके जरिए वे हुए भी संक्रमित हो सकते हैं।
रिश्तेदारी निभा रहे हैं बेपरवाह लोग
कोरोनाकाल में लोगों को अपने घर में रहने की सलाह दी जा रही है पर लोक छोटे-छोटे कार्यक्रमों में भी रिश्तेदार के घर परिवार सहित जाना नहीं छोड़ रहे हैं। बसों के नहीं चलने या कम संख्या में चलने की स्थिति में बाइक पर ही पूरे परिवार के साथ यात्राएं करते हुए कई लोग सडक़ पर देखे जाते हैं। बीते कई दिनों से यातायात पुलिस की जांच भी लगभग थमी हुई है।
एक की वजह से सब खतरे में
ट्रैक्टर, पिकअप सहित अन्य गाडिय़ों में मजदूर बगैर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बिना मास्क के आना-जाना कर रहे हैं। यदि एक भी लेबर संक्रमित हुआ तो कई मजदूर परिवारों में संक्रमण हो सकता है, इसकी इन्हें जरा भी परवाह नहीं है और ना ही निर्माण एजेंसियों द्वारा इस ओर ध्यान दिया जा रहा है।
सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
शहर सहित ग्रामीण इलाकों के बाजार में सब्जी व खाद्य पदार्थों के साथ हर तरह की दुकानें लग रही हैं। बाजार में पहले ही की तरह लोगों की भीड़ जुट रही है। और यहां सोशल डिस्टेंसिंग का नामोनिशान नहीं है। यहां तक कि लोग बाजार की भीड़ में बगैर मास्क के घूमते हुए भी दिखाई पड़ रहे हैं।
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