प्राग। चेक गणराज्य की सर्वोच्च अदालत ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई थी। निखिल गुप्ता पर अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पन्नू, भारत में आतंकवादी घोषित है और कई मामलों में वांछित है। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, चेक गणराज्य के सुप्रीम कोर्ट ने निखिल गुप्ता के अमेरिका को प्रत्यर्पित करने के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर प्रत्यर्पण में देरी होती है तो इससे जनहित को कोई नुकसान नहीं होगा। चेक गणराज्य के न्याय विभाग की प्रवक्ता मारकेता एंद्रोवा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मतलब ये है कि चेक गणराज्य के न्याय मंत्री भी अब निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण पर फैसला नहीं कर सकते, जब तक चेक गणराज्य का संवैधानिक कोर्ट इस पर अंतिम फैसला नहीं दे देता।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल 23 नवंबर को चेक गणराज्य की प्राग म्युनिसिपल कोर्ट ने निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था। इसके बाद मामला प्राग के हाईकोर्ट में पहुंचा और वहां से भी 8 जनवरी 2024 को दिए फैसले में निखिल गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया गया। 19 जनवरी 2024 को निखिल गुप्ता ने इस आदेश को चुनौती दी। चेक गणराज्य के सुप्रीम कोर्ट में निखिल गुप्ता का पक्ष रखने वाली वकील ने फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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