पुणे। टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के चेयरमैन साइरस पूनावाला (Cyrus Poonawalla) ने सोमवार को कहा कि दुनिया के गरीब देश (Poor country) कंपनी के बनाए टीकों का उपयोग कर रहे हैं. इसका कारण टीके (vaccine affordability) की खुराक का सस्ता होना है और इसे ‘एक कप चाय’ की कीमत पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
पूनावाला ने उद्योग मंडल महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (MCCIA) द्वारा आयोजित पुणे अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सिम्मेलन में यह बात कही। कार्यक्रम में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार पाने के लिये सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं।
पूनावाला ने कहा, ‘‘हमारे अधिकतर टीकों का उपयोग गरीब देश कर रहे हैं। यूनिसेफ और अन्य परमार्थ संगठन टीका खरीदने को आगे आए हैं. हमने अपने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों की मदद से इसे सस्ता बनाया है और एक कप चाय की कीमत के बराबर है।’’
बता दें कि कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन एक अहम हथियार है लेकिन कोरोना टीके आने के बाद दुनिया के विकसित देशों में वैक्सीन को लेकर काफी जमाखोरी की गई थी, जिसकी वजह से कम आय वाले गरीब देशों तक वैक्सीन की पहुंच बहुत सीमित रह गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बात पर चिंता जताई थी।
वहीं भारत ने दुनिया के कई गरीब और विकासशील देशों को कोविड वैक्सीन का निर्यात किया था. इसमें स्वदेश में निर्मित भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन शामिल है।
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