नई दिल्ली: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और उद्योगपति साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का निधन हो गया है. एक सड़क हादसे के चलते उनका निधन हुआ है. साइरस पलोनजी मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था. साइरस देश के जाने वाले कारोबारियों में शामिल हैं. हालांकि अब वो इस दुनिया में नहीं रहे. दुर्घटना कथित तौर पर मुंबई अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर सूर्य नदी चरोटी पुल पर हुई. मिस्त्री अपनी मर्सिडीज कार से गुजरात से मुंबई लौट रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक कार के डिवाइडर से टकराने के बाद यह जानलेवा हादसा हुआ. उनकी उम्र 54 साल थी.
पिता का भी इसी साल हुआ निधन
साइरस मिस्त्री के पिता का नाम पालोनजी मिस्त्री है. इस साल 28 जून को ही पालोनजी मिस्त्री का भी निधन हो गया था. मिस्त्री ने मुंबई में कैथेड्रल एवं एंड जॉन कॉनन स्कूल से पढ़ाई की थी. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में बीएस के साथ इंपीरियल कॉलेज, लंदन से ग्रेजुएशन किया था. इसके अलावा लंदन बिजनेस स्कूल से प्रबंधन में विज्ञान में एक मास्टर डिग्री भी उन्होंने की थी. साइरस मिस्त्री के दो बच्चे हैं, जिनका नाम फिरोज मिस्त्री और जहान मिस्त्री है.
टाटा संस के बने चेयरमैन
वहीं साल 2006 में जब साइरस मिस्त्री के पिता रिटायर हुए तभी वो टाटा संस के बोर्ड में शामिल हो गए थे. रतन टाटा के जरिए रिटायरमेंट की घोषणा के बाद उन्होंने दिसंबर 2012 में अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था. साइरस मिस्त्री टाटा संस के छठे अध्यक्ष थे. हालांकि उन्हें अक्टूबर 2016 में पद से हटा दिया गया था. टाटा ग्रुप के साथ चेयरमैन का कार्यकाल काफी विवादों में रहा. इसके बाद एन चंद्रशेखरन ने बाद में टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला.
क्या है टाटा-मिस्त्री विवाद?
बता दें कि शापूरजी पल्लोनजी समूह की टाटा संस में 18.37% हिस्सेदारी है. साइरस मिस्त्री को साल 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था, हालांकि 2016 में जब उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया तभी से साइरस मिस्त्री की टाटा समूह के साथ ठन गई. इसके बाद टाटा समूह ने टाटा संस में एसपी ग्रुप की हिस्सेदारी खुद खरीदने का प्रस्ताव दिया था, जिसके लिए मिस्त्री परिवार राजी नहीं हुआ. इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और टाटा के पक्ष में फैसला आया.
याचिका खारिज
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मई में शापूरजी पल्लोनजी (SP) समूह की एक याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें 2021 के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी, जिसमें टाटा समूह के टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को हटाने के टाटा समूह के फैसले को बरकरार रखा गया था.
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