रांची। ओडिशा (Odisha) में बुधवार सुबह लैंडफॉल (Landfall) के बाद यास ने ओडिशा-पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में जमकर तबाही मचाई. इस दौरान तूफान निचले इलाकों तक पहुंचा और कई पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया. खबर है कि अब तक कम से कम 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बुधवार रात यास की झारखंड (Jharkhand) की सीमा में प्रवेश कर चुका है. मौसम विभाग(weather department) ने खबर दी थी कि तूफान कमजोर हो रहा है.
गुरुवार को मौसम विभाग (weather department) ने जानकारी दी है कि तूफान कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल चुका है. बुलेटिन के अनुसार, तूफान उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और अगले 12 घंटों में धीरे-धीरे कमजोर होगा. यास बीते 26 मई को पूर्वी तटो से टकराया था. कहा जा रहा था कि तूफान के साथ 155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं थी. यह आंकड़ा दो हरिकेन के बराबर है.
‘यास’ बुधवार रात 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं और भारी बारिश के साथ झारखंड की सीमा में पहुंच गया. चक्रवात के कारण गुरुवार दोपहर तक तूफान के चलते कोल्हान इलाके में 90 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है.
चक्रवात के मद्देनजर राज्य में लोगों को अगले चौबीस घंटे घरों में ही रहने को कहा गया है और कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो के अलावा खूंटी एवं पश्चिमी सिंहभूम जिलों में निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम लगातार जारी है. अब तक दस हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है. भारतीय तटरक्षक Indian Coast Guard (ICG)के तीन जहाज बुधवार सुबह चक्रवात यास के कहर के बाद ‘स्थिति का आकलन’ करने के लिए पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटों पर पहुंच रहे हैं. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी. इसके अलावा, पश्चिम बंगाल सरकार के अनुरोध पर, आईसीजी ने सहायता के लिए दीघा और कोंटाई में अपनी आपदा राहत टीमें (डीआरटी) तैनात की हैं. खबरों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में करीब 1100 गांवों में बाढ़ आ गई. इसमें कम से कम 50 हजार लोग बेघर हो गए हैं. वहीं, ओडिशा में भारी बारिश और समुद्र के पानी ने 120 गांवों को अपनी चपेट में ले लिया. कहा जा रहा है कि ज्यादातर इलाकों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने कहा है कि तूफान ने 3 लाख से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचाया और करीब 1 करोड़ लोगों को प्रभावित किया है. उन्होंने जानकारी दी है कि तटीय इलाकों से 15 लाख लोगों को निकाला गया है. इधर, भारतीय सेना के और एनडीआरफ के सदस्य लोगों को सुरक्षित करने के साथ-साथ सड़कों पर गिरे पेड़ों को भी हटा रहे हैं. बुधवार को ओडिशा के बालासोर, भद्रक, जगतसिंहपुर और केंद्रपाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए. बंगाल में साउथ और नॉर्थ 24 परगना, दीघा, पूर्वी मेदिनीपुर और नंदीग्राम में तूफान का सबसे ज्यादा असर दिखा. राज्य के कई निचले इलाकों में बाढ़ के हालात बने. सीएम बनर्जी ने बताया कि राज्य ने 10 करोड़ रुपये की राहत सामग्री का आवंटन किया है. कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा शाम 7:45 बजे तक बंद रहेगा. भुवनेश्वर में बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट को गुरुवार सुबह 5 बजे तक बंद रखने का फैसला लिया गया है. राज्य के झारसुगुड़ा में वीर सुरेंद्र साई एयरपोर्ट गुरुवार शाम 7:45 तक बंद रहेगा. जबकि, दुर्गापुर और राउरकेला हवाईअड्डों का संचालन बंद रहेगा. बुधवार शाम को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तूफान की तबाही के बाद प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. उन्होंने तूफान प्रभावित जिलों के 128 गांवों के परिवारों को सात दिनों का राशन और अन्य सामग्री मुहैया कराने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि बहाली का काम शुरू हो गया है और प्रभावित जिलों में अगले 24 घंटों में बिजली आने की संभावना है. सरकार ने बुधवार को कहा कि चक्रवाती तूफ़ान ‘यास’ से दूरसंचार ढांचे को मामूली नुकसान हुआ है तथा नुकसान को कम करने के लिए लोगों को पहली बार स्थानीय भाषाओं में संदेश देने के लिये नेटवर्क का व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया गया. दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि यास चक्रवात के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए स्थानीय भाषाओँ में पहली बार ऑडियो संदेश के जरिये सतर्क किया गया.