मुंबई । चक्रवाती तूफान ताउते (Storm storm toute) के चलते सोमवार की शाम को अनियंत्रित होकर मुंबई के अरब सागर (Arabian Sea) में बहे दो में से एक जहाज समुद्र में डूब गई। मंगलवार शाम तक नौसेना और कोस्ट गार्ड को 410 में से 317 क्रू मेंबर की जान बचाने में सफलता मिली। समुद्र में डूबे पी-305 नामक जहाज में सवार 93 कर्मचारी लापता हैं। भारतीय नौसेना का सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन (Search and rescue operation of Indian Navy) जारी है। दूसरे जहाज के सभी कर्मचारी सुरक्षित बचा लिए गए हैं।
भारतीय नौसेना और कोस्ट गार्ड का संयुक्त राहत व बचाव कार्य मुंबई, गोवा और गुजरात के समुद्र में जारी है। गुजरात में भी दो दो नौकाएं फंसी हुई हैं। पोपाव बंदरगाह से करीब 30 किलोमीटर दूरी पर समुद्र में सागर भूषण नामक नौका फंसी हुई है। इसी तरह लगभग 75 किलोमीटर के अंतराल पर एसएस-3 नामक पोत फंसी हुई है। नेवी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार दोनों जहाज सुरक्षित हैं। उस पर सवार क्रू मेंबर को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मुंबई के अरब सागर में चक्रवाती तूफान के कारण समुद्र में उठी ऊंची लहरे और तेज हवाओं के कारण पी-305 और गल कन्स्ट्रक्टर बजरे का लंगर टूट गया था। लंगर टूटने और इंजन के काम नहीं करने के कारण दोनों बजरे सागर में अनियंत्रित होकर बहने लगे। पी-305 में कुल 273 इंजीनियर व कर्मचारी कार्यरत थे, जिसमें से 180 लोगों को बचा लिया गया है, जबकि 93 लोगों की तलाश अब भी जारी है। गल कन्स्ट्रक्टर के सभी 137 कर्मचारियों को बचा लिया गया है।
राहत और बचाव कार्य के लिए नौसेना ने अपने जंगी जहाज आईएनएस कोच्चि,आईएनएस कोलकाता, सी किंग हेलीकॉप्टर और कोस्ट गार्ड ने सम्राट शिप और चेतक हेलीकॉप्टर की मदद ले रही है। नौसेना के अनुसार, पिछले चार दशक का यह सबसे चुनौतीपूर्ण राहत और बचाव कार्य है। बारिश, तेज हवा और विजिबिलिटी शून्य होने पर जहाज का संचालन तक मुश्किल होता है। ऐसे में हमारे जवान लगातार 30 घंटे से लोगों की जान बचाने में जुटे हुए है। अंतिम इंसान की तलाश तक बचाव कार्य जारी रहेगा।
भारतीय नौसेना को सूचना मिलते ही दोनों जहाजों की तलाश शुरू कर दी गई थी। दोनों जहाजों को नौसेना ने सोमवार की देर शाम ही ढूंढ निकाला और जहाजों में फंसे 410 कर्मियों को बचाने का कार्य शुरू कर दिया था। गल कन्स्ट्रक्टर मुंबई के 15 किलोमीटर के अंतराल पर मिला था जबकि पी-305 समुद्र में 70 किलोमीटर की दूरी पर पाया गया था।
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