नई दिल्ली: तौकते चक्रवात (Staring cyclone) से निपटने के लिए एनडीआरएफ, वायुसेना, नौसेना और कोस्टगार्ड ने भी राज्य और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ पूरी तरह कमर कस रखी है. NDRF की टीमें केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात (Gujarat) के तटीय इलाकों में तैनात हैं. इसके अलावा नौसेना की टीमें भी राहत और बचाव कार्य में जुट गई हैं. कोस्टगार्ड के जहाज समंदर में मछुआरों को सुरक्षित बचाने में जुटे हैं तो वायुसेना के 16 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 18 हेलीकॉप्टर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए ऑपरेशन्ली तैयार हैं.
एनडीआरएफ
नेशनल डिस्साटर रिलीफ फोर्स (National Disaster Relief Force) (एनडीआरएफ) की कुल 53 टीमें देश के पश्चिमी तटों पर तैनात हैं. इनमें सबसे ज्यादा केरल में नौ (09) टीमें तैनात हैं. जबकि तमिलनाडु में पांच (05), महाराष्ट्र में चार (04), कर्नाटक और गुजरात में तीन-तीन टीमें तैनात हैं. गोवा में भी एक (01) टीम तैनात की गई है. एनडीआरएफ के मुताबिक, एक टीम में कुल 47 जवान शामिल हैं और वे सभी इस चक्रवात (Cyclone) से लड़ने में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों से लैस हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ की 29 टीमें स्टैंड-बाय पर रखी गई हैं और उन्हें भी किसी भी वक्त मोबिलाइज किया जा सकता है.
नौसेना
भारतीय नौसेना (Indian Navy) के मुताबिक, कोच्चि स्थित दक्षिणी कमान ने चक्रवात प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का काम शुरू कर दिया है. शनिवार की सुबह केरल (Kerala) के चेनलम जिले के कई गांवों में नेवल डाइविंग टीम तैनात की हैं जो बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने के काम में जुटी हैं और उन्हें खाना तथा दूसरा जरूरी सामान भी मुहैया करा रही हैं. इसके लिए इलाके के एक स्कूल में नौसेना ने रिलीफ कैंप भी स्थापित किया है.
कोस्टगार्ड
चक्रवात के अलर्ट मिलने के साथ ही कोस्टगार्ड के जहाज और एयरक्राफ्ट्स ने बुधवार से ही अरब सागर में मछली पकड़ने गए मछुआरों और उनकी बोट्स को सुरक्षित तटीय इलाकों में जल्द से जल्द पहुंचने की चेतावनी शुरू कर दी थी. इसके अलावा शुक्रवार की रात को कोस्टगार्ड (Coastguard) की एक शिप, आईजीसी व्रिकम ने समंदर में फंसी एक बोट और उसमें सवार 13 मछुआरों को सुरक्षित केरल के तट पर पहुंचाया. इस बोट का इंजन समंदर में खराब मौसम के चलते फेल हो गया था.
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