नई दिल्ली (New Delhi)। गर्मी की मार (heat stroke) झेल रहे उत्तर भारत (North India) को राहत मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। खबर है कि अब तक धीमे चल रहे मॉनसून (Monsoon) को गति मिलने वाली है और रविवार के बाद कई राज्यों में बारिश दस्तक दे सकती है। इसके अलावा गुजरात में तबाही मचाने (wreak havoc in gujarat) वाले बिपरजॉय तूफान (Cyclone Biperjoy) के अंतिम बचे हुए हिस्से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बारिश में मददगार साबित हो सकते हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी IMD के निदेशक मृत्युंजय मोहापात्रा बताते हैं कि मॉनसून के लिए 18 जून से 21 जून तक का समय काफी अच्छा है। उन्होंने बताया कि इस दौरान भारत के पूर्वी और अन्य हिस्सों में मॉनसून के बढ़ने के लिए स्थिति अनुकूल रहेंगी। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि जून के अंत और जुलाई की शुरुआत से ही नियमित और अच्छी बारिश शुरू हो सकती हैं।
बिपरजॉय से फायदा?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जाते जाते बिपरजॉय उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में बारिश की वजह बन सकता है। इसके कारण मॉनसून को रफ्तार पकड़ने में मदद मिल सकती है। खास बात है कि बंगाल की खाड़ी में कोई वेदर सिस्टम नहीं होने से और चक्रवाती तूफान की वजह से 11 मई के बाद से ही मॉनसून की रफ्तार धीमी है।
संभावनाएं जताई जा रही हैं कि बिपरजॉय के अंतिम हिस्से उत्तर पूर्वी दिशा में आगे बढ़ सकते हैं, जिनके चलते यूपी और एमपी भीगेंगे। मौसम के जानकार बताते हैं कि राजस्थान में भारी बारिश के बाद सिस्टम मध्य और पूर्वी यूपी और मध्य प्रदेश में 20 जून के बाद बारिश ला सकता है। 2023 में मॉनसून करीब एक सप्ताह की देरी से 8 जून को केरल पहुंच गया था।
कहां पहुंचा मॉनसून
खबर है कि अब तक मॉनसून ने तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक और बंगाल के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि केरल में मॉनसून के देरी से आने का मतलब यह नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में यह देरी से पहुंचेगा। मौसम विभाग पहले ही बता चुका है कि अल नीनो की स्थिति बनने के बावजूद भातर में सामान्य बारिश हो सकती है।
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