इंदौर। देशभर में साइबर ठगी (cyber thugs) की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सात राज्यों (seven states) में कुछ गांव तो ऐसे हैं, जहां पूरा का पूरा गांव ठगी में लिप्त है। देश (country) में होने वाले 50 प्रतिशत साइबर अपराधों (cyber crimes) के पीछे भी यही गिरोह है। सब अलग-अलग तरह से लोगों को ठगते हैं। इंदौर भी एडवाइजरी कंपनी के नाम से धोखाधड़ी (fraud) का बड़ा ठीया बन गया है।
1. राजस्थान (rajasthan) का भरतपुर (bharatpur)
यहां के गिरोह की महिलाएं (women) वॉट्सऐप (whatsapp) पर वीडियो कॉल (video calls) कर नग्न फोटो द्वारा ब्लैकमेल (blackmail) के अलावा ओएलएक्स पर लोगों के साथ ठगी करने में माहिर है। यह पूरा गांव ही इस गोरखधंधे में लगा हुआ है। इंदौर के कई मामलों में भी यहां के गिरोह का नाम आया है तो कुछ मामलों में पुलिस ने उनको पकड़ा भी है।
2. हरियाणा (haryana) का मेवात (mewat)
यह गिरोह एटीएम फ्रॉड ( ATM Fraud) में माहिर है। यहां भी पूरा गांव इस गोरखधंधे में लगा हुआ है। दसवीं पास लोग यह गिरोह चलाते हैं और देशभर में वारदात करते हैं। इंदौर के कई मामलों में यह गिरोह शामिल रहा है।
3. झारखंड (jharkhand) का जामतारा (jamtara) और दुमका
यहां भी पूरा गांव ठगी में लगा हुआ है। ये बैंक मैनेजर बनकर और केवाईसी अपडेट (kyc update) के नाम पर लोगों को फोन कर उनके साथ ठगी करने में माहिर हैं। यहां के गिरोह भी कई बार पकड़े जा चुके हैं।
4. दिल्ली और मुंबई में नाईजीरियन
दिल्ली (delhi) के नोएडा क्षेत्र में कुछ कॉलोनियों में बड़ी संख्या में नाईजीरियन रहते हैं और यहां लॉटरी, विदेश से गिफ्ट, विदेशी ऑर्डर, कस्टम से माल छुड़वाने के नाम पर देशभर में ठगी करते हैं। वहीं मुंबई (mumbai) के गोरेगांव में भी नाईजीरियनों का अड्डा है। गुडग़ांव में भी इनकी एक पूरी कॉलोनी है। यहां से ठगी होती है।
5. यूपी के प्रतापगढ़ के पास के गांव
हाल ही में इंदौर में एक दर्जन बैंकों के एटीएम ( ATM) से छेड़छाड़ करने के मामले में प्रतापगढ़ के गिरोह के तीन बदमाशों को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। इनके साथियों की तलाश में एक टीम वहां भेजी गई, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वे चंपत हो गए। यहां भी पूरा गांव इसी काम में लगा हुआ है।
6. एडवाइजरी के नाम पर ठगी में इंदौर अव्वल
शहर में कुछ सालों में बड़ी संख्या में शेयर मार्केट में निवेश करवाकर दोगुना पैसा कमाने का लालच देकर एडवाइजरी कंपनियां लोगों के साथ ठगी कर रही हैं। इंदौर में साइबर सेल, एसटीएफ और स्थानीय पुलिस दो साल में 50 से अधिक फर्जी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई कर चुकी हैं। अभी भी यह सिलसिला जारी है। पुलिस खुद मानती है कि बिना सेबी की अनुमति के अभी भी शहर में 80 एडवाइजरी कंपनियां चल रही हैं।
7. सिम पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम की
अभी तक पुलिस ने जितने भी गिरोह पकड़े हैं उनमें यह बात देखने में आई है कि यह गिरोह ठगी के पैसे को ट्रांसफर करने के लिए जिन खातों का उपयोग करते हैं, उनकी सिम पश्चिम बंगाल (West Bengal) , ओडिशा (Orissa) और असम (Assam) की होती हैं। यहां के छोटे-मोटे काम करने वालों के नाम से ठग उनको कुछ लालच देकर सिम ले लेते हैं और करोड़ों की ठगी कर देते हैं। पुलिस यूं तो कम आरोपियों तक पहुंचती है, लेकिन पहुंचने पर इस तरह के लोग हाथ आते हैं।
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