इंदौर। अभी पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत सीहोर और दतिया जिले में साइबर तहसीलें (Cyber Tehsil) बनाई गई और यह प्रयोग सफल भी साबित हुआ, जिसके चलते अब दूसरे चरण में इंदौर के साथ-साथ सागर, हरदा और डिंडौरी में भी साइबर तहसील (Cyber Tehsil) बनाई जा रही है, जिससे लम्बित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण का दावा भी किया जा रहा है। अविवादित नामांतरण, बंटवारे से लेकर अन्य प्रकरण भी आसानी से निराकृत हो सकेंगे। विभागीय मंत्री का दावा है कि प्रदेश में जो साइबर तहसील का प्रोजेक्ट बनाया है वह अन्य राज्यों को भी पसंद आ रहा है। 6 महीने परिणामों का अध्ययन करने के बाद पूरे प्रदेश के सभी 52 जिलों में साइबर तहसीलें गठित कर दी जाएंगी।
वैसे तो राजस्व विभाग द्वारा लगातार अभियान चलाए जाते हैं, जिसके चलते डायवर्शन की बकाया वसूली से लेकर राजस्व रिकॉर्डों को दुरुस्त करने, नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन से लेकर अन्य प्रकरणों को भी समय सीमा में निराकृत करवाया जा रहा है। इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह लगातार राजस्व महकमे की समीक्षा करते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप बीते कई वर्षों से लम्बित पड़े राजस्व प्रकरणों का निराकरण भी हुआ है। अब चार जिलों में साइबर तहसीलें बनाई जा रही है, जिसमें इंदौर जिला भी शामिल रहेगा। पूरे देश में इस तरह का अभिनव प्रयोग मध्यप्रदेश में ही किया जा रहा है और दूसरे चरण की सफलता के बाद इसे प्रदेशभर में लागू कर दिया जाएगा और अन्य राज्यों ने भी इस संबंध में जानकारी मांगी है। साइबर तहसीलों के गठन के बाद सभी प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी। मुख्यालयों से लेकर तहसील कार्यालयों पर राजस्व से संबंधित कामकाज के लिए आवेदकों को चक्कर नहीं काटना पड़ेंगे। ऑनलाइन आवेदन से ही नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, डायवर्शन से लेकर अन्य सभी कार्य हो जाएंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved