इंदौर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में साइबर ठग (Cyber Thug) अब डॉक्टरों को भी अपने निशाने पर ले रहे है. साइबर अपराधी नीट पीजी (NEET PG) की परीक्षा में पास कराने और अच्छा कॉलेज में एडमिशन (Admission in college) दिलाने का लालच देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं. साइबर ठग फोन के माध्यम से अभ्यर्थियों के परिजन और उनके द्वारा दिये गए ऑल्टरनेट नंबर पर संपर्क कर परीक्षा में पास करने का लालच देकर लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं. फिलहाल इस तरह की घटनाएं सामने आने के बाद स्टेट साइबर सेल और पुलिस (Police) भी सक्रिय हो गई है.
दरअसल, नीट पीजी की परीक्षा 23 जून को होना है. इस परीक्षा में शामिल होने के लिए पूरे मध्य प्रदेश से सैकड़ों अभ्यर्थियों ने आवेदन पत्र जमा किए हैं. नीट पीजी की परीक्षा शुरू होने से पहले ही साइबर ठग ने अपना जाल बिछाना शुरू कर दिया है. अभ्यर्थियों के फॉर्म में लिखे वैकल्पिक और पर्सनल नंबर साइबर ठगों के हाथ लग गए हैं. साइबर ठग छात्रों और उनके अभिभावकों को फोन कॉल कर रहे हैं. साइबर ठग छात्रों को उनके पसंदीदा कॉलेज में सीट दिलवाने का लालच दे रहे हैं और इसकी एवज में मोटी रकम ऐंठ रहे हैं.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुछ अभिभावकों और छात्रों ने तो 25 से लेकर 50 हजार रुपये इन साइबर ठगों के बताए गए बैंक खातों में डाल दिए हैं. इसकी शिकायत अब साइबर सेल और पुलिस अधिकारियों के पास पहुंच रही है. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा का कहना है कि इस तरह की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. अब इनकी जांच पड़ताल की जा रही है. बताया जा रहा है कि साइबर ठगों ने अब तक दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाया है, लेकिन इसमें से कोई भी अभ्यर्थी मीडिया के सामने आने को तैयार नहीं है.
ठगों के झांसे में आने के बाद जो अभ्यार्थी पैसे गंवा चुके हैं, अब उनका साइबर ठगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है. फोन लगाने पर वह नंबर बंद मिल रहा है. साइबर ठगों द्वारा अभ्यर्थी के माता-पिता या भाई बहन या परिवार के किसी सदस्य को फोन लगाया जाता है. परिवार को विश्वास में लेकर उनसे पैसों की ठगी की जाती है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन साइबर ठगों के पास यह जानकारी भी है कि छात्र किस गांव और शहर का रहने वाला है और उसने किस शहर से एमबीबीएस की पढ़ाई की है.
बताया जा रहा है कि यह साइबर अपराधी अभ्यर्थियों से मोटी रकम भी ले चुके हैं. इन साइबर ठगों ने जबलपुर, जयपुर, मुंबई, कोलकाता, बैंगलोर सहित कई बड़े शहरों में एमबीबीएस की पढ़ाई करके पीजी की तैयारी कर रहे छात्रों को अपना शिकार बनाया है. इस गंभीर विषय पर जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ नवनीत सक्सेना का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए कॉलेज की सीट पाने का केवल एक ही रास्ता है कि अभ्यर्थी नीट पीजी की परीक्षा पास करें.
इसके अलावा और कोई भी जरिया या कोई भी एजेंसी नहीं है जो किसी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में पीजी की सीट दिला पाए. इसलिए अभ्यर्थी जागरूक रहे और किसी के भी बहकावे में ना आएं. जबलपुर के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्र बाबू रजक का कहना है कि साइबर ठग कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहते है. इसी वजह से एमबीबीएस करने वाले छात्रों के पास स्पेम कॉल आ रही है. उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी मेहनत पर भरोसा करना चाहिए न कि किसी ठग के बहकावे में आना चाहिए.
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