पटना। पटना (Patna) में बैठकर अमेरिकी नागिरकों (US citizens) से साइबर ठगी (Cyber fraud) करनेवाले गिरोह की जांच में बिहार पुलिस (Bihar Police) इंटपोल की मदद (Interpol Help) लेगी। एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने पटना में कहा कि दीघा थाना पुलिस ने साइबर ठगी से जुड़े मामले में तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। पश्चिम बंगाल के रहनेवाले इन ठगों द्वारा लोगों को फांसने के लिए रिंट सेंटर, स्काइप, टेक्स्ट नाउ जैसे एप का इस्तेमाल किया जाता था।
उन्होंने कहा कि ठगी का यह मामला विदेश से जुड़ा है, लिहाजा इसकी जांच के लिए इंटरपोल की मदद ली जाएगी। इस गिरोह का सरगना फिलहाल फरार है पर पुलिस ने उसकी पहचान कर ली है। उन्होंने कहा कि पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। बता दें कि पटना में कॉल सेंटर खोलकर कुछ बदमाश अमेरिकी नागिरकों को ठगी का शिकार बना रहे थे। इस मामले में पुलिस ने दानिश अर्शद, सब्बीर अहमद और आमिर सिद्दकी को गिरफ्तार किया है।
पॉपअप लिंक भेज इस तरह बनाते शिकार
ये तीनों मिलकर बड़े ही शातिराना अंदाज में अमेरिकी लोगों को अपनी जाल में फांसते थे। अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ की वजह से इनका काम आसान हो जाता था। ये अमेरिकी लोगों को पॉपअप लिंक भेजते थे। यदि कोई गलती से लिंक को टच करता तो उसके कम्प्यूटर में खुद ब खुद मालवेयर डाउनलोड हो जाता था। इससे कम्प्यूटर की गति धीमी हो जाती था। इसके बाद साइबर अपराधी एक और लिंक भेजकर अपना मोबाइल नम्बर भी देते थे। मोबाइल नम्बर पर बात करते ही अमेरिकी नागरिक से एनी डेस्क डाउनलोड करवा लिया जाता था। फिर उन्हें अपनी जाल में फांसकर ठगी की जाती थी। मामला अमेरिका से जुड़े होने के चलते बिहार पुलिस इसकी जांच में इंटरपोल की मदद लेने जा रही है। एडीजी ने कहा कि इसके लिए जरूरी कागजी कार्रवाई की जा रही है।
दो ई-मेल आईडी की होगी जांच
अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर को हैक कर उसमें मालवेयर अपलोड करने और फिर ठीक करने के नाम पर डॉलर में ठगी करने वाले साइबर अपराधियों के पास से दो ईमेल-आईडी पुलिस को मिली है। दोनों ई-मेल आईडी Thomasselvi99@gmail. com व Thomasselvi800@gmail.com की जांच की जा रही है। इसमें पुलिस साइबर सेल की मदद भी लेगी। ई-मेल आईडी से यह पता चलेगा कि कब किससे बात की गई और किन लोगों से इनका कनेक्शन है।
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