नई दिल्ली (New Delhi) । साइबर फ्रॉड (cyber fraud) से जुड़े मामले हर दिन सामने आते हैं. स्कैमर्स (scammers) नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की फिराक में रहते हैं. ऐसे ही एक ग्रुप को दिल्ली से सटे नोएडा की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने फर्जी वेबसाइट (fake website) बनाकर आम जनता से ठगी के मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस की मानें तो गिफ्तार हुए गैंग ने D-Mart, Big Basket, Big Bazaar की फेक वेबसाइट बनाकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है. इस वेबसाइट्स के जरिए स्कैमर्स लोगों को डिस्काउंट और सस्ती कीमतों पर प्रोडक्ट्स ऑफर कर रहे थे, जिससे लोग उसके जाल में आसानी से फंस जाते थे.
जैसे ही कोई शख्स पेमेंट करता, तो ये उसके क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की डिटेल्स एक्सेस कर लेते. बाद में इसका इस्तेमाल करके फ्रॉडस्टर्स उनके बैंक अकाउंट से पैसे चुराते थे. इसकी जानकारी एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने दी है. वैसे इनकी आधिकारिक वेबसाइट्स भी मौजूद हैं.
वैसे तो DMart एक ऑफलाइन स्टोर है, लेकिन इसकी आधिकारिक वेबसाइट https://www.dmartindia.com/ है. वहीं बिग बास्टकेट को आप https://www.bigbasket.com/ पर एक्सेस कर सकते हैं, जबकि बिग बाजार एक ऑफलाइन स्टोर है.
देश भर में लोगों को बना रहे थे शिकार
एडिशनल DCP (सेंट्रल नोएडा) राजीव दिक्षित ने बताया, ‘3 अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन टीम ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग बिग बाजार, डी-मार्ट, बिग बास्केट और दूसरी फेक वेबसाइट्स के जरिए लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं.’
उन्होंने बताया कि इस गैंग के मेंबर्स गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के रहने वाले हैं. इन्होंने ना सिर्फ दिल्ली-एनसीआर के लोगों को अपना शिकार बनाया है. बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में रहने वालों के साथ भी इन्होंने ठगी की है. पुलिस ने विनीत कुमार, ध्रुव सोलंकी, गौरव तलान, सलमान खान, संतोष मौर्या और मनोज मौर्या को गिरफ्तार किया है.
नोएडा पुलिस ने इस मामले में तीन लैपटॉप, चार मोबाइल फोन, दो डेबिट कार्ड्स, 11700 रुपये और हुंडई i10 कार जब्त की है. इस गैंग के खिलाफ IPC की धारा 420, 406 और IT एक्ट के तहत एक FIR दर्ज कर ली गई है.
कैसे होती है इस तरह की धोखाधड़ी?
इस तरह के किसी भी मामले में स्कैमर्स लोगों को लालच देकर फंसाने का काम करते हैं. इसके लिए वे फर्जी वेबसाइट्स क्रिएट करते हैं, जिनके नाम ओरिजनल वेबसाइट्स के जैसे ही होते हैं. अमूमन इनकी स्पेलिंग में कोई बदलाव होता है या फिर किसी टर्म को जोड़ दिया जाता है.
सामान्यतः लोग इस तरह की वेबसाइट्स को सही समझकर यहां आते हैं. चूंकि इन पर हैवी डिस्काउंट और कैशबैक के ऑफर्स होते हैं, इसलिए लोग इन स्कैमर्स के जाल में आसानी से फंस जाते हैं.
जैसे ही कोई शख्स पेमेंट के लिए इन फेक वेबसाइट्स पर अपनी डिटेल्स एंटर करता है, स्कैमर्स उसकी डिटेल्स चुरा लेते हैं. इन डिटेल्स की मदद से स्कैम्स उस व्यक्ति के अकाउंट से पैसे चोरी करते हैं.
कैसे बच सकते हैं आप?
साइबर वर्ल्ड में सुरक्षित रहने का सबसे आसान और भरोसेमंद तरीका सावधानी और जागरूकता है. किसी वेबसाइट पर शॉपिंग के लिए जाने से पहले उसकी स्पेलिंग और दूसरी डिटेल्स जरूर चेक करें. अपने कार्ड डिटेल्स को किसी भी वेबसाइट पर सेव करके ना रखें.
इसके अलावा आप बैंक के आधिकारिक ऐप से अपने कार्ड की सेटिंग में बदलाव करके उसे सुरक्षित कर सकते हैं. मसलन आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को ऑफ रख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर ही इसे ऑन करें. बैंकिंग ऐप्स में आपको ऐसी सुविधा मिलती है.
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