नई दिल्ली: संगठित साइबर अपराध के खिलाफ अब केंद्र और राज्य सरकारों के प्राधिकार एकजुट होकर निपटेंगे. एक तरह का कोर ग्रुप बनाया जा रहा है, जो निर्धारित टाइमलाइन में खासतौर पर ऐसे साइबर अपराधियों के खिलाफ एक्शन लेगा, जिन्होंने कई राज्यों में साइबर अपराध को अंजाम दिया हो. माना जा रहा है कि कोर ग्रुप के लिए प्राथमिक जांच का पूरी करने का टास्क सात दिन रखा गया है. इसमें केंद्रीय दूरसंचार विभाग, गृह विभाग, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और सभी राज्यों की साइबर अपराध शाखा पुलिस के अधिकारी मिलकर काम करेंगे.
साइबर अपराध से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने आईटी समेत विभिन्न कानूनों में बदलाव, साइबर अपराध-वित्तीय साइबर अपराध से निपटने के लिए अलग विंग, राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत ऑनलाइन शिकायत, बैंकिंग-टेलीकॉम और सोशल मीडिया क्षेत्र से जुड़े नियम शामिल हैं, लेकिन संगठित या असाधारण मामलों से निपटने के लिए जैसे आपराधिक मामलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जांच टीम, समूह या एजेंसियां हैं. वैसे ही पूरे देश में एक संगठन, व्यक्ति या फिर कंपनी द्वारा किए गए अपराध से निपटने क लिए केंद्र और राज्य सरकारों के प्राधिकारों का कोर ग्रुप एक्शन में आएगा.
सूत्रों के मुताबिक बड़े साइबर अपराध के मामले में यह ग्रुप तय समय में प्राथमिक जांच पूरी करेगा और रिपोर्ट केंद्र-राज्य, दोनों के अधिकारी मिलकर आगे का एक्शन तय करेंगे.
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